इस्लामाबाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्होंने कई बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के लिए कोशिश की, लेकिन वो हमारी कोशिश को कमजोरी समझते हैं। इस्लामाबाद में एक प्रोग्राम के दौरान खान ने कहा- हम दुआ करते हैं कि भारत में एक ऐसी सरकार आएगी जो पूरी गंभीरता से पाकिस्तान से बातचीत करेगी।
इमरान ने पिछले महीने भी भारत से बातचीत की ख्वाहिश जाहिर की थी, लेकिन भारत ने पिछली बार और हर मौके पर साफ कर दिया कि आतंकवाद और बातचीत कभी साथ-साथ नहीं चल सकते।
एक मुद्दे का गुलाम बना साउथ एशिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने गुरुवार को इस्लामाबाद कॉन्क्लेव 2021 में शिरकत की और लंबा भाषण दिया। इसमें कई बार भारत का जिक्र किया। कहा- एक मुद्दे ने पूरे दक्षिण एशिया को गुलाम बना रखा है। ये मुद्दा है कश्मीर का। मैंने नरेंद्र मोदी से कई बार बात करने की कोशिश की। बाद में मुझे अहसास हुआ कि वो इन कोशिशों को हमारी कमजोरी समझ रहे हैं। उनका रिएक्शन कुछ अलग ही आ रहा था।
खान ने आगे कहा- भारत को लग रहा था कि पाकिस्तान इस वक्त बहुत कमजोर है। हमारी बातचीत एक नॉर्मल हिंदुस्तान की सरकार से नहीं हो रही थी, बल्कि वो एक खास विचारधारा वाली सरकार है। इससे बातचीत बहुत मुश्किल है। ये हिंदुस्तान के लिए भी खतरा है। हम दुआ करते हैं कि हिंदुस्तान में एक दिन ऐसी सरकार आए, जिससे हम गंभीरता से बात कर सकें। कश्मीर मसले का हल भी बम और बंदूक से नहीं, बल्कि बातचीत से ही होगा। दोनों देशों के बीच ट्रेड भी काफी कम है।
प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान के बीच अब तक एक ही मुलाकात हुई है। दिसंबर 2015 में इमरान भारत आए थे और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। तीन साल बाद यानी 2018 में इमरान भी PM बन गए। हालांकि, तीन साल में दोनों की एक भी मुलाकात नहीं हुई।
अमेरिका पर तंज
इमरान ने इस कॉन्क्लेव में अफगानिस्तान और क्लाइमेट चेंज के अलावा इस्लामोफोबिया का भी जिक्र किया। अफगानिस्तान के मुद्दे पर उन्होंन अमेरिका को घेरे में लिया और तंज कसे। कहा- अमेरिका ने अफगानिस्तान के तमाम फंड्स और अकाउंट को सीज कर दिया है। इसकी क्या तुक है। मैं सिर्फ इतना पूछना चाहता हूं कि अफगानिस्तान की चार करोड़ जनता का क्या कसूर है। अमेरिका उनसे बदला क्यों निकाल रहा है। अब वहां तालिबान की हुकूमत है। अगर फौज से ही अफगान मसला हल होना होता तो अमेरिका वहां जीत क्यों नहीं पाया। वो तो सुपर पॉवर है।
पाकिस्तान को थिंक टैंक की जरूरत
इमरान ने कहा- हमारे मुल्क में अच्छी बात यह है कि कोई जब एक काम शुरू करता है तो लोग उसे फॉलो करते हैं। कुछ गलत लोगों की वजह से पूरे मुल्क की इमेज खराब नहीं की जा सकती। आज हमें अच्छे थिंक टैंक्स की जरूरत है ताकि हमारे सामने नए विचार आ सकें। विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों से भी हम यही उम्मीद करते हैं के वे मुल्क की बेहतरी में सहयोग दें।
आखिर में इमरान ने कहा- हमने ईरान और सऊदी अरब का झगड़ा सुलझाया। अब हम चाहते हैं कि अमेरिका और चीन के मसलों को भी हम इसी तरह हल कराएं ताकि दोनों इकोनॉमिक सुपर पॉवर्स में टकराव टाला जा सके।
Please do not enter any spam link in the comment box.