
रायपुर । फेडरेशन आफ एजुकेशनल सोसायटीज छत्तीसगढ़ ने रजत समारोह गुरुकुल प्रेक्षागृह में आयोजित किया। इस मौके पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के 11 वर्षों के बाद भी दी जाने वाली राशि, शुल्क प्रतिपूर्ति राशि में वृद्धि नहीं की गई है। इसके कारण निजी स्कूलों को महंगाई बढ़ने के बाद भी फीस बढ़ाने की सरकार से मांग भी उनकी अनसुनी रह गई है।
विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में प्रवेश कराया जाता है। यहां पर सभी विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें, गणवेश और कापियां और पेन,पेंसिल आदि सामग्री के लिए सरकार से कुछ राशि प्रदान की जाती थी। अब एक आदेश द्वारा यह सभी भार निजी स्कूलों पर डाला गया है। इसे शासन की गंभीर त्रुटि मानते हुए उन्होंने यह आदेश तत्काल रद करने की सलाह दी। कहा कि निजी स्कूलों के संचालन में संचालकों को कई तरह की खर्च सहने पड़ते हैं, यदि पालक समय पर फीस नहीं देंगे तो स्कूल सुचारू ढंग से नहीं चलाए जा सकते है।
इस अवसर पर फेडरेशन आफ एजुकेशनल सोसायटीज के संस्थापक जेएल दवे, गोकुल दास डागा, रतन लाल गोयल, एसपी सिंह, आरके बनर्जी, सरदार लखवंत सिंह गिल, अजय तिवारी, सुनील तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा, राजेश सक्सेना, गोपाल कृष्ण चक्रधारी आदि लोग उपस्थित रहे। इस मौके पर कोरोना काल में जरूरतमंदों को भोज्य सामग्री वितरण करने में सहयोग प्रदान करने वाले 161 व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया।

Please do not enter any spam link in the comment box.