
बिहार | के सिर्फ सहरसा जिले में पांच साल के रिकॉर्ड को देका जाए तो ये स्पष्ट होता है कि हां 2016 के बाद से अब शराब की तस्करी तेजी से हुई है। यहां पांच गुना ज्यादा शराब की बरामदगी हुई है। फिलहाल छापेमारी कर शराबबंदी को सफल बनाने की कवायदजिले में वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी की गयी। इसके बाद भी हर वर्ष शराबबंदी के बाद भी हर वर्ष शराब की तस्करी बढ़ ही रही है। उत्पाद विभाग द्वारा की गयी छापेमारी में हर वर्ष अंग्रेजी शराब की बरामदगी की खेप बढ़ती ही जा रही है।
उत्पाद विभाग के आंकड़े बताते हैं कि शराबबंदी में हर वर्ष की गयी छापेमारी में अंग्रेजी शराब की बरामदगी हर वर्ष बढ़ती ही जा रही है। वर्ष 2016 -17 में 873 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की गयी थी। वर्ष 20-21 में यह बढ़कर 8854 लीटर हो गया। शराब की बरामदगी से ही लगता है कि सहरसा जिले में शराब तस्करी का धंधा घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है।
हर वर्ष उत्पाद विभाग की छापेमारी में शराब की बरामदगी की संख्या घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। उत्पाद विभाग ने जिले के विभिन्न प्रखंडों सहित कोसी तटबंध इलाका में भी छापेमारी कर अंग्रेी शराब को जब्त करने में सफलता हासिल की है। पुलिस प्रशासन की तुलना में उत्पाद विभाग को गिनती की संख्या में उत्पाद पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी- सैप जवान पदस्थापित हैं। इसके बाद भी विभाग निरंतर छापेमारी कर रही है।

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