विगत 3 दिसम्बर को मुंगावली थाने के झागर चक्क गाँव मे जमीन के अंदर मिला बालक जन्म के बाद से ही जीवन के लिए संघर्ष करता हुआ अब स्वस्थ हो कर भोपाल से अशोकनगर वापिस आ गया है। शिशु गृह द्वारा इसे फिलहाल जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड मे रखा गया है। बाल कल्याण समिति ने जिला अस्पताल पहुंचकर एस एन एस यू वार्ड मे बच्चे के स्वाथ्य की जानकारी ली।
उल्लेखनीय है की इसी माह की 3 तारीख को मुंगावली के ग्राम झागर चक्क में खेत यह बच्चा जमीन के अंदर रोता हुआ स्थानीय ग्रामीणो को मिला था। जिसे प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंगावली में भेजा गया था। जहां से जिला अस्पताल भेजा गया था और नवजात शिशु की स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। बच्चा अब पूर्ण स्वस्थ होकर भोपाल से अशोकनगर आ गया है। दीक्षा के प्रबंधक हरविंद शर्मा ने बताया कि इस बच्चे का इलाज भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल मे करीब 20 दिन चलता रहा है। यहां निमोनिया, हाइपोथर्मिया,फेफड़ों के संक्रमण यह बच्चा जूझता. रहा, साथ ही जमीन मे रहने के कारण चीटियों के काटने. के कारण पैर की अंगुली की सर्जरी से भी इस बच्चे को गुजरना पड़ा। इस नवजात की देखरेख कर रही संस्था दीक्षा शिशु गृह ने बच्चे का नामकरण पृथ्वीराज किया है।जहां आज बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव रघुवंशी सदस्य हितेंद्र बुधौलिया एवं धर्मेंद्र नायक सहित दीक्षा शिशु गृह के प्रवंधक जिला अस्पताल पहुंचे और नवजात शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
बाल कल्याण समिती के सदस्य हितेंद्र बुधौलिया बताया की इस बच्चे मे जीवन के प्रति बड़ी गजब की जीवटता देखने को मिली है। जन्म के बाद इसे देखरेख एवं सुरक्षा की जरूरत थी। मगर तमाम परेशानी एवं संकटों के बाद अस्पताल के उपचार से निकलकर जीवन के प्रति इस बच्चे का जज्बा कमाल का रहा होगा। कई लोगों के द्वारा एक बच्चे को गोद लेने के लिए इसको लेकर बाल कल्याण से जुड़े विशेषज्ञ भूपेंद्र रघुवंशी का कहना है, बच्चों को गोद देने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकारण (कारा )जो केंद्रीय महिला बाल विकास द्वारा संचालित होता है । इच्छुक व्यक्ति किसी भी बाल गृह पर जा कर ऑनलाइन पंजीयन करा सकते है। इसके बाद एक बिधिक प्रकिया के तहत बच्चों को दिया जाता है।
उल्लेखनीय है की इसी माह की 3 तारीख को मुंगावली के ग्राम झागर चक्क में खेत यह बच्चा जमीन के अंदर रोता हुआ स्थानीय ग्रामीणो को मिला था। जिसे प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंगावली में भेजा गया था। जहां से जिला अस्पताल भेजा गया था और नवजात शिशु की स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। बच्चा अब पूर्ण स्वस्थ होकर भोपाल से अशोकनगर आ गया है। दीक्षा के प्रबंधक हरविंद शर्मा ने बताया कि इस बच्चे का इलाज भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल मे करीब 20 दिन चलता रहा है। यहां निमोनिया, हाइपोथर्मिया,फेफड़ों के संक्रमण यह बच्चा जूझता. रहा, साथ ही जमीन मे रहने के कारण चीटियों के काटने. के कारण पैर की अंगुली की सर्जरी से भी इस बच्चे को गुजरना पड़ा। इस नवजात की देखरेख कर रही संस्था दीक्षा शिशु गृह ने बच्चे का नामकरण पृथ्वीराज किया है।जहां आज बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संजीव रघुवंशी सदस्य हितेंद्र बुधौलिया एवं धर्मेंद्र नायक सहित दीक्षा शिशु गृह के प्रवंधक जिला अस्पताल पहुंचे और नवजात शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
बाल कल्याण समिती के सदस्य हितेंद्र बुधौलिया बताया की इस बच्चे मे जीवन के प्रति बड़ी गजब की जीवटता देखने को मिली है। जन्म के बाद इसे देखरेख एवं सुरक्षा की जरूरत थी। मगर तमाम परेशानी एवं संकटों के बाद अस्पताल के उपचार से निकलकर जीवन के प्रति इस बच्चे का जज्बा कमाल का रहा होगा। कई लोगों के द्वारा एक बच्चे को गोद लेने के लिए इसको लेकर बाल कल्याण से जुड़े विशेषज्ञ भूपेंद्र रघुवंशी का कहना है, बच्चों को गोद देने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकारण (कारा )जो केंद्रीय महिला बाल विकास द्वारा संचालित होता है । इच्छुक व्यक्ति किसी भी बाल गृह पर जा कर ऑनलाइन पंजीयन करा सकते है। इसके बाद एक बिधिक प्रकिया के तहत बच्चों को दिया जाता है।
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