भोपाल। यूनियन  कार्बाइड गैस काण्ड की 37 वीं बरसी के उपलक्ष्य पर पिछले 25 सालोँ से यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को नि:शुल्क इलाज मुहैया कर रही सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक के सदस्यों ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के पास गैस काण्ड के मृतकों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजली अर्पित की।
क्लिनिक के सामुदायिक शोध यूनिट के शैलेन्द्र चौरसिया ने बताया की दिसम्बर 1984 में यूनियन कार्बाइड से रिसी ज़हरीली गैस की वजह से आज भी गैस पीड़ित इन्सान असमय मौत के शिकार हो रहे हैं। "जिन्हे बचपन में गैस लगी वे आज 40 - 45 की उम्र में फेफड़े, गुर्दे और अन्य अंगों की पुरानी बीमारियों और ख़ास कर कैन्सर से जूझते हुए काल कवलित हो रहे हैं। गैस पीड़ितों में बड़ी  संख्या में  फेफड़े, पित्ते और बच्चेदानी के कैन्सर से मौतें हो रही हैं। " उन्होंने कहा - भोपाल ज़िले में कोविड की वजह से होनेवाली मौतों के सरकारी आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि यूनियन कार्बाइड की ज़हरीली गैस से प्रभावित आबादी में कोविड माँ की वजह से होनेवाली मौतों का दर सामान्य आबादी से पाँच गुना ज़्यादा था। अब जब तीसरे लहर का ख़तरा मंडरा रहा है यह बहुत ज़रूरी है कि सरकार भोपाल के गैस पीड़ितों को कोविड से बचाने के लिए फौरी तौर पर विशेष सुविधाएँ मुहैया कराए| " क्लिनिक की जागरूकता समिति की सदस्य आशा चौहान ने कहा कि  गैस काण्ड से सर्वाधिक प्रभावित इलाके के बीच स्थित सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक गैस पीड़ितों और यूनियन कार्बाइड के ज़हरीले कचरे से प्रदूषित भूजल से पीड़ित लोगों को निःशुल्क इलाज करती है | पिछले 25 सालों में इस क्लिनिक ने पीड़ितों में ज़हरीले रसायनों की वजह से हुई बीमारियों के लिए अंग्रेज़ी, आयुर्वेद, पंचकर्म और योग विधि से एकीकृत इलाज विधि विकसित की है जिससे अब तक 36  हज़ार पीड़ितों का इलाज किया जा चुका है।