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नई दिल्ली। द्वारका सेक्टर 6 व 14 में कोआपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने का झांसा देकर फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक बिल्डर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। 12 निवेशकों ने बिल्डर पर 2.6 करोड़ रुपये ठगी करने की शिकायत की थी। जिस पर जांच के बाद 2 मई 2019 को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बिल्डर का नाम विक्रम सरीन है। वह विकास पुरी का रहने वाला है। इसके पिता सेना में अधिकारी थे। इसने बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक) व एमबीए किया हुआ है। वह पहले सिटी बैंक में नौकरी करता था। 2011 में उसने नौकरी छोड़ दी और 2014 में मैसर्स इरम्या डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंस्ट्रक्शन कंपनी बना ली थी। देशराज यादव समेत 12 पीडि़त ने मैसर्स इरम्या डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड के निदेशक विक्रम सरीन के खिलाफ शिकायत कर आरोप लगाया था कि उसने सेक्टर-14, द्वारका में इरम्या हाइट्स नामक आवासीय परियोजना शुरू करने व उसमें निवेश के लिए उन्हें प्रेरित किया था। निदेशक ने बुकिंग के तीन साल के भीतर फ्लैट का कब्जा देने का वादा किया था। जिसपर 12 लोगों ने 2.6 करोड़ रुपये निवेश किए थे। बाद में यह पाया गया कि डीडीए द्वारा उक्त कंपनी को सीजीएचएस सोसाइटी के लिए कोई भूमि आवंटित नहीं की थी। मैसर्स इरम्या डेवलपर्स को कोई प्लॉट आवंटित नहीं किया गया था। आरोपित ने अपने आसपास रहने वाले लोगों को फ्लैट दिलाने का झांसा देकर उन्हें निवेश करने को कहा था। ठगी की गई राशि नकद के साथ-साथ बैंकिंग चैनलों के माध्यम से प्राप्त की गई थी। डीसीपी राजीव रंजन, एसीपी नगीन कौशिक के नेतृत्व में एसआई विजय कसाना, शिवदेव ¨सह और सिपाही राजपाल की टीम ने 14 दिसंबर को विक्रम सरीन को गिरफ्तार कर लिया।
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