अहमदाबाद। गुजरात में 10,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए हुए चुनाव के परिणाम मंगलवार सुबह से आना शुरू हो गए हैं बड़ी संख्या में महिला सरपंच भी चुनी जा रही हैं। राजकोट गोंडल के नाना महिका, रामनगर, उमावाला, जामकंडोरणा, नवसारी के वेजलपुर, कच्छ के नखत्राणा, सूरत के कामरेज, नर्मदा के नांदेड़, साणंद के ताजपुर, लीलापुर, मानपुर , अरवल्ली जिले के किडीयाद तथा मोरबी, हलवद व कलोल में महिला सरपंच विजेता रही।
सरपंच का चुनाव लड़ रही मॉडल ऐशा पटेल चर्चा में
छोटा उदेपुर के एक गांव में सरपंच का चुनाव लड़ रही मुंबई की मॉडल ऐशा पटेल काफी चर्चाओं में है। करीब 10 से 12 साल मुंबई में मॉडलिंग हुए ग्लैमर की दुनिया में रहने के बाद लोग डाउन के दौरान जब से गुजरात अपने गांव में आई तो वहां के गरीब वह मजदूर परिवारों को देखकर उनका मन द्रवित हो गया। अपने घर पर काम करने वाले एक बालक के वह घर गई और उनकी मुसीबतों को देखा धीरे-धीरे गांव के अन्य परिवारों के लोग भी उनसे मिलने लगे और वह भी उनकी बस्ती में जाने लगी। आखिर उन्होंने गांव में शिक्षा स्वास्थ्य पानी बिजली तथा लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए सरपंच का चुनाव लड़ना बेहतर समझा। गांव के कुछ दबंग लोगों ने उनका विरोध भी किया बीते दिनों दोनों गुटों में झड़प भी हुई जिसके बाद ऐशा के खिलाफ पुलिस मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
सूईग्राम पंचायत से कृष्णा राजपूत भी मैदान में
उत्तर गुजरात की बनासकांठा जिले की सूईग्राम पंचायत से कृष्णा राजपूत भी मैदान में हैं। गांव के ही कुछ दबंग व प्रभावशाली लोगों ने कृष्णा की दावेदारी का विरोध भी किया तथा उन को धमकी दी। गत दिनों कृष्णा ने अपने समर्थकों के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन को धमकी देने वालों के खिलाफ शिकायत की तथा उन्हें पाबंद करने की मांग की। बीते रविवार गुजरात की 10000 ग्राम पंचायतों के साथ यहां भी चुनाव हो गया लेकिन कृष्णा को कोई पुलिस सुरक्षा नहीं मिली।
ऐशा पटेल, कृष्णा राजपूत समेत गुजरात की सैकड़ों ग्राम पंचायतों में युवा महिलाएं अपना भाग्य आजमा रही हैं। बड़ी संख्या में महिला सरपंच एवं महिला पार्षद चुनाव जीत रही है। गुजरात में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है इससे पहले भी गुजरात के कई गांव में समूची ग्राम पंचायत महिलाओं एवं लड़कियों को सौंपी जा चुकी है। युवा महिला सरपंच एवं वार्ड पार्षदों ने इसका बेहतर परिणाम भी दिया है ग्राम पंचायतों का ख्याल वे अपने परिवार की तरह रखती और महिलाओं के उत्थान के लिए तथा बालिका शिक्षा के लिए उन्होंने गांव में कई नवाचार भी शुरू किए।
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