भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार ने कोरोना (mp corona cases) के बढ़ते संक्रमण को लेकर फिलहाल कोई नया प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) ने मंगलवार को मंत्रालय में कोरोना संक्रमण को लेकर मंत्री और अफसरों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि प्रदेश में फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. इससे पहले जो रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया गया है, वह यथावत जारी रहेगा. रात में 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक का कर्फ्यू रहेगा. प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां सामान्य तौर पर संचालित रहेंगी, जो कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं वह पहले की तरह ही चलते रहेंगे. किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भीड़ न छूटे, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे.
कोरोना की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लोग सतर्क रहें, मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. इसके लिए अपील और जागरूकता अभियान लगातार जारी रहेंगे. 15 से 18 साल (15-18 vaccine) के बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे. बुजुर्गों के वैक्सीनेशन को भी तेजी के साथ पूरा किया जाएगा.
15-18 वर्ष के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की गाइडलाइन
1 जनवरी 2022 से कोविन एप/कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा
15-18 वर्ष के किशोरों का कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन होगा
3 जनवरी 2021 से टीकाकरण शुरू होगा
किशोरों को केवल को-वैक्सीन ही लगाई जाएगी
रजिस्ट्रेशन के लिए कोविन एप/कोविन पोर्टल पर आधार के अलावा 9 अन्य दस्तावेजों में एक का कर सकते हैं प्रयोग
स्कूल का परिचय पत्र भी मान्य होगा
ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाने पर रिफरेंस ID और सीक्रेट कोड मिलेगा
वैक्सीनेशन सेंटर पर यह रिफरेंस ID और सीक्रेट कोड बताना होगा
वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर भी किशोर पंजीयन करवा सकते हैं
स्कूल शिक्षा विभाग को ने शुरू की तैयारी
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि बच्चे जिस भी स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें उसी स्कूल में वैक्सीन लगाई जाएगी. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सभी किशोरों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा. स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश भर के सभी स्कूलों को वैक्सीनेशन के लिए सही तरीके से तैयारियां करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश में कक्षा 9वी से कक्षा बारहवीं तक के मध्य प्रदेश बोर्ड के सरकारी,निजी और सीबीएसई स्कूलों में करीब 40 लाख से ज्यादा छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं.
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