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केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है। यह बैठक संसद की कार्यवाही में बने गतिरोध को समाप्त करने के लिए बुलाई गई थी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिर्फ 4 पार्टियों को बुलाकर अगर विपक्ष के सभी नेताओं को नहीं बुलाएंगे तो क्या संदेश जाएगा? ये विपक्षी दलों की एकजुटता को तोड़ने की साजिश है। हमने पत्र लिखा है कि सर्वदलीय बैठक बुलाओ।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि निलंबित सांसदों का मुद्दा है इसलिए हम निलंबित पार्टियों के नेताओं के साथ बात करके हल निकालना चाहते थे। आप संविधान दिवस का बायकॉट करते हैं, लोग आपको बायकॉट ही कर रहे हैं अब तो समझ लो। बायकॉट करने की ये क्या नई परंपरा है।
विपक्ष से बैक-डोर बातचीत की तैयारी में केंद्र
संसद के शीतकालीन सत्र में बने गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार विपक्ष से बैक-चैनल से बातचीत करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बयानों से इसके संकेत मिले हैं। राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन समाप्त करने को लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी इस मामले को बातचीत से सुलझाने की सलाह दी है
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