हैदराबाद. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने शुक्रवार को कहा कि सिविल सोसाइटी को टूटने से बचाना पुलिस अफसरों का नया वारफ्रंट है. उन्होंने कहा कि ‘राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने के लिए युद्ध अब असरदार जरिया नहीं है. युद्ध बहुत महंगे हैं और परिणाम के बारे में कोई नहीं जानता, लेकिन सिविल सोसाइटी के जरिए राष्ट्र के हित को चोट पहुंचाने के लिए उसे तोड़ा जा सकता है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि जमीन पूरी तरह सुरक्षित रहे.’ NSA ने कहा ‘लोग सबसे महत्वपूर्ण हैं. युद्ध का नया मोर्चा सिविल सोसाइटी है.’ डोभाल ने कहा, ‘यदि आंतरिक सुरक्षा विफल होती है तो कोई देश महान नहीं बन सकता. अगर लोग सुरक्षित नहीं हैं तो वे आगे नहीं बढ़ सकते और संभवत: देश भी कभी आगे नहीं बढ़ेगा.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अलावा, पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देशों से लगती भारत की 15,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के प्रबंधन में भी पुलिस बलों की बड़ी भूमिका है.
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के 73वें बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे डोभाल ने कहा कि भारत की संप्रभुता तटीय क्षेत्रों से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक अंतिम पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र तक जाती है.हर हिस्से में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस की – डोभाल
डोभाल ने कहा कि भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के हर हिस्से में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस बलों की है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ वही पुलिसिंग नहीं है, जिसमें आप लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है बल्कि इसका भी विस्तार होगा. आप इस देश के सीमा प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होंगे. पंद्रह हजार किलोमीटर की सीमा है, जिसमें से ज्यादातर हिस्से की अपनी ही तरह की समस्याएं हैं.’

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ, चीन या म्यांमा या बांग्लादेश के साथ एक सीमा है. हमारे पास विभिन्न प्रकार के सुरक्षा संबंधी मुद्दे हैं जिन्हें इन सीमाओं की निगरानी कर रहे केंद्रीय पुलिस संगठन और पुलिस के जवान देखते हैं.’