मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राज्य शासन से एक विचाराधीन बंदी की मौत पर उसके वैध वारिसों को पांच लाख रूपये दो माह में देने की अनुशंसा की है। आयोग ने प्रकरण क्र 2497/पन्ना/2020 में जिला जेल पन्ना के विचाराधीन बंदी अन्नू उर्फ मंगूरे द्वारा चादर फाडकर फांसी का फंदा बनाकर जेल के पृथक कक्ष के अंदर लगी कील/लोहे के ऐंगल पर लटककर आत्महत्या कर लेने से मौत के मामले में यह अनुशंसा की है। शासन चाहे, तो इस राशि की वसूली दोषी जेलकर्मियों से कर सकता है। मामले में आयोग ने पाया कि जेलकर्मियों की लापरवाही के कारण मृतक के मानव अधिकारों की घोर उपेक्षा हुई। अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि राज्य शासन जिला जेल पन्ना के साथ ही प्रदेश की अन्य जेलों में बंदियों के पृथक कक्षों के अन्दर लगाये गये लोहे के ऐसे अनुपयोगी एंगल हटवाये, जिससे जेल प्रबंधन का बंदियों की सुरक्षा के प्रति दायित्व सुनिश्चित हो सके और बंदियों को आत्महत्या करने का अवसर न मिल सके। राज्य शासन जिला जेल पन्ना और इसी प्रकार प्रदेश की अन्य जेलों में भी बंदियों के उपयोग हेतु उपलब्ध कराई गई चादरों के उपयोग की समय-सीमा और उनकी गुणवत्ता के ऐसे मानक सुनिश्चित करें, जिससे ऐसी चादरों से फांसी का फंदा नहीं बनाया जा सके और ऐसी चादरों के जरिये बंदियों को आत्महत्या करने का कोई अवसर ही न मिले।
विचाराधीन बंदी की मौत पर वारिसों को पांच लाख रूपये दो माह में दें
बुधवार, नवंबर 17, 2021
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