भोपाल । मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल जल्द ही बजने वाला है. शिवराज सरकार ने इसकी फाइनल तैयारी कर ली है. कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाने वाला ड्राफ्ट भी तैयार है. यह जानकारी पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने जबलपुर में दी. पत्रकारों से चर्चा में गोपाल भार्गव ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के कारण पूर्व में पंचायत चुनाव स्थगित किए गए थे लेकिन अब इसमें और देरी नहीं की जाएगी.पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि साल 2014 के परिसीमन के आधार पर पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. यहां आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार द्वारा नए सिरे से कराए गए परिसीमन को शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रद्द कर दिया है. गौरतलब है कि प्रदेश के 52 जिलों में 23912 ग्राम पंचायत, 313 जनपद पंचायत अध्यक्ष और 52 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए जाने हैं.

पुलिस कमिश्वनर प्रणाली से बहुत फायदे- भार्गव
मध्य प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा कि पिछले 20 सालों से इसे लेकर किंतु-परंतु चल रहा है. अब जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दृढ़ निश्चय कर लिया है और इसे अगले साल की शरुआत में लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बहुत फायदे हैं. अभी फिलहाल भोपाल और इंदौर में इसे लागू करने की तैयारी है. दो जिलों के परिणामों के बाद मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इसे लागू करने का विचार है.

वोटर लिस्ट में बदलाव शुरू
पंचायत चुनावों के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों की वोटर लिस्ट को फिर से अपडेट करने की कवायद शुरू कर दी है. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश से प्रभावित हुईं पंचायतों में वोटर लिस्ट अपडेट की जाएंगी. 6 दिसंबर को फाइनल वोटर लिस्ट सामने आ जाएगी. जानकारी के मुताबिकराज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. रजिस्ट्रीकरण अधिकारी 26 नवंबर तक उन मतदाताओं की पहचान कर लेंगे, जिनके नाम दूसरे मतदान केंद्रों की सूची में दर्ज होने हैं. राज्य निर्वाचन आयोग फोटोयुक्त वोटर लिस्ट के प्रारूप का प्रकाशन करेगा. ये प्रारूप ग्राम पंचायत और अन्य स्थानों पर 29 नवंबर को किया जाएगा. इसके बाद 3 दिसंबर तक आपत्तियां मंगाई जाएंगी. 4 दिसंबर को सभी आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा. वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 6 दिसंबर को कर दिया जाएगा. इस बीच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आयोग को 2014 की स्थिति में आरक्षण सहित अन्य जानकारियां देगा. इसके आधार पर आयोग निर्वाचन कार्यक्रम तैयार करेगा.