बिलासपुर । प्रदेश में किसान के बाद अब धान पर सियासत शुरू हो गई है एक दिसंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस और भाजपा ने धान खरीदी केंद्रों पर निगरानी के लिए समितियां बनाई हैं। अब दोनों दल खरीदी केंद्र पर अपने प्रमुख नेताओं को उतार रहे हैं। प्रदेश में एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की धान खरीदी होनी है।
ऐसे में दोनों पार्टियां राजनीति का कोई मौका नहीं छोडऩा चाहतीं। कांग्रेस की कोशिश है कि किसानों को दिक्कत कम हो, जबकि भाजपा किसानों को होने वाली दिक्कतों के बहाने सरकार को घेरने का प्रयास करेगी।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धान खरीदी में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक न हो, इसकी निगरानी के लिए कमेटी बनाई गई है। किसानों को धान की बिक्री में होने वाली समस्याओं में सहयोग के लिए जिला, ब्लाक व खरीदी केंद्रवार त्रिस्तरीय सहयोग समिति का गठन किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम के फोन नं. 0771-2236793, 2236794 अथवा 2236795 में खरीदी केंद्र में भ्रष्टाचार, धाधंली और किसानों को धान बेचने में प्रशासनिक समस्या आने पर सूचित कर सकते हैं। जिला, ब्लाक स्तरीय निगरानी समिति में जिला और ब्लाक के किसानों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए स्थानीय पंच, सरपंच, पंचायत प्रतिनिधि, किसान कांग्रेस के पदाधिकारी आदि मौजूद रहेंगे।
रकबा कम कर धान खरीदी से बचना चाहती है कांग्रेस
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता संदीप शर्मा ने कहा कि किसानों को धान बेचने के लिए पंजीयन करवाने में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार किसानों को परेशान करके रकबा कम कर धान खरीदी से बचने की कोशिश कर रही है। शर्मा ने कहा कि खरीदी, बिक्री, बंटवारा के चलते किसानों की भूमि के रकबा में कमी बढ़ोतरी स्वाभाविक है। वर्तमान सत्र में भी किसानों के रकबा कम और अधिक हुए हैं।
जिन किसानों के रकबा कम हुए हैं, पंजीयन रिकार्ड में उनके रकबा भुंइया पोर्टल के आधार पर आटोमेटिक कम कर दिए गए हैं। जिन किसानों का रकबा बढ़ा है, जो भुइंया पोर्टल में भी साफ-साफ दिख रहा है, उनका पंजीयन रिकार्ड में बढ़ा नहीं है। शर्मा ने कहा कि जिन किसानों का दो अलग-अलग समितियों में पंजीयन किया है, उसमें भी भारी गड़बड़ी हुई है। दोनों समिति में अलग-अलग रकबा दिख रहा है।