नई दिल्ली । कांग्रेस ने फैसला किया कि 29 नवंबर से आरंभ हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संगठनों की मांगों, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग, महंगाई, सीमा पर चीन की आक्रमकता और पेगासस जासूसी प्रकरण जैसे मुद्दों को दोनों सदनों में उठाकर सरकार की घेराबंदी करेगी। पार्टी के संसदीय मामलों से संबंधित रणनीतिक समूह की बैठक में फैसला किया गया। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सत्र के पहले ही दिन लाया जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में विधेयक को मंजूरी दी है। बैठक में तय हुआ कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पर चर्चा कर इसका समर्थन किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में तय हुआ कि अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर भी सरकार पर दबाव बनाया जाए।बैठक में शामिल नेता ने कहा, कांग्रेस इस पर भी जोर देगी कि सरकार किसान संगठनों की मांगों को स्वीकार करे। बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा एवं मुख्य सचेतक जयराम रमेश, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।रणनीतिक समूह के सदस्य एवं सांसद मनीष तिवारी बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि तिवारी पंजाब में होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हुए। वह इन दिनों अपनी नई पुस्तक को लेकर चर्चा में हैं।
बैठक में फैसला हुआ कि अरुणाचल और लद्दाख में सीमा पर चीन की आक्रमकता, जम्मू-कश्मीर में ‘आतंकी हमले बढ़ने’ और पेगासस जासूसी मामले में उच्चतम न्यायालय की ओर से जांच समिति गठित किए जाने के बाद इस मुद्दे को भी सदन में उठाया जाएगा। कांग्रेस ने तय किया है कि जरूरी खाद्य वस्तुओं, सब्जियों की कीमतों और पेट्रोल-डीजल एवं रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा जाएगा और चर्चा की मांग की जाएगी।