जबलपुर. जबलपुर के भेड़ाघाट (Bhedaghat) में ऐसा वाकया हुआ जिसने भी देखा उसके मुंह से चीख निकल गयी. पूरे 13 मिनट तक सबकी सांस अटकी रही. सब ईश्वर को याद कर रहे थे और 300 फीट गहरे धुआंधार वॉटर फॉल (Dhundhar Waterfall) में नजरें टिकाए थे. दरअसल यहां एक महिला ने पानी में छलांग लगा दी थी. जिंदगी और मौत के बीच पूरे 13 मिनट तक संघर्ष चला.  रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना के चश्मदीद भेड़ाघाट पर सैर करने आए दर्जनों सैलानी बने.दोपहर का वक्त था. रोज की तरह जबलपुर के भेड़ाघाट पर्यटन स्थल पर सैलानियों की भीड़ थी. लोग सैर सपाटा कर रहे थे. मौज मस्ती चल रही थी. बस उसी दौरान उन्हीं के बीच खड़ी एक महिला अचानक धुआंधार जल प्रपात की रेलिंग फांदकर पानी में कूद गयी. लोगों के मुंह से चीख निकल गयी. एकदम चीख पुकार मचने लगी. सब उस महिला को बचाने के लिए चिल्लाने लगे. लेकिन काम मुश्किल था क्योंकि सब लोग तैरना नहीं जानते थे.

एक एक पल जान पर भारी
भेड़ाघाट पर बीसियों गोताखोर भी मौजूद रहते हैं. इसी चीख पुकार के बीच गोताखोर भी आ गए और उन्होंने फौरन पानी में छलांग लगा दी. महिला पानी में ऊपर-नीचे उतरा रही थी. पानी के तेज बहाव में वो हिलोरे ले रही थी. एक एक सेकंड जान पर भारी पर रहा था. लेकिन समय पर गोताखोर पहुंच गए थे इसलिए सबके प्रयास से महिला को बचा लिया गया.

पति से हुई थी अनबन
घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची भेड़ाघाट पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो पता चला कि उसकी अपने पति से अनबन हुई है. हालांकि पुलिस के सामने इकबालिया बयान में उसने कहा कि गलती से पैर फिसल गया. पुलिस ने लंबी काउंसलिंग के बाद महिला को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया.


इस वॉटर फॉल में जो गिरता है वो बचता नहीं है…
45 वर्षीय इस महिला को गोताखोरों की मदद से बचा लिया गया. लेकिन 300 फीट से ज्यादा गहरे धुआंधार जलप्रपात में अमूमन जो भी गिरता है उसका बच पाना बेहद मुश्किल होता है. अब इसे महिला का भाग्य ही कहें कि उसे बचाने तीन गोताखोरों ने जान की बाजी लगा दी और उसे बचा लिया.