भोपाल। जननायक क्रांतिकारी वीर टंट्या भील के शहीदी दिवस को प्रदेश सरकार गौरव दिवस के रूप में मनाने जा रही है। टंट्या मामा के जन्म और शहीदी स्थल की माटी कलश यात्रा का शनिवार दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुभारंभ करेंगे।
खंडवा के पंधाना के बडौदा अहीर से यात्रा की शुरुआत होगी, यहां स्मारक का रंगरोगन और पहुंच मार्ग के लिए सड़कें सुधार दी गई है। कलश यात्रा निमाड़ भ्रमण कर 4 दिसंबर शहीद दिवस पर पातालपानी पहुंचेगी। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम से घोषित होगा।
रथ पर आदिवासी नृत्य रहेगा आकर्षण का केंद्र
कलश यात्रा में आदिवासी संस्कृति की झलक भी दिखाई देगी। कलश यात्रा के दौरान एक खुले रथ पर पारंपरिक आदिवासी भेषभूषा में ढोल मांदल की थाप पर आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति देते हुए आदिवासी कलाकारों की टोली शामिल रहेंगी। गौरव दिवस पर जिले से 15 हजार लोग पातालपानी के कार्यक्रम में शामिल होंगे। जिसमें से 10 हजार आदिवासी पंधाना विधानसभा से जाएंगे। कलश यात्रा में 700 से अधिक लोग वाहनों से साथ चलेंगे।
पातालपानी में एक लाख आदिवासी होंगे शामिल
4 दिसंबर को अमर क्रांतिकारी टंट्या भील को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उद्देश्य से पातालपानी में भव्य कार्यक्रम किया जाएगा। मुख्य आयोजन में प्रदेश के आदिवासी जिलों से करीब एक लाख आदिवासी शामिल होंगे। टंट्या मामा का जन्म खंडवा जिले में पंधाना के पास बड़ोद अहीर गांव में हुआ था। वीर टंट्या भील को जबलपुर जेल में फांसी दी गई थी। उनका अंतिम संस्कार महू के पास पातालपानी में हुआ था।
निमाड़ भ्रमण कर निकलेगी माटी कलश यात्रा
यात्रा पहले दिन बड़ोद अहीर, नेपानगर, सिंगोट में रहेंगी। रात्रि विश्राम सिंगोट में करने के बाद अगले दिन 28 नवंबर को आशापुर, खंडवा छैगांवमाखन होते हुए भीकनगांव पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। 29 नवंबर को झिरनिया, चिरिया, मुडिया, बिस्टान तथा खरगोन, 30 नवंबर को सेगांव नागरवाड़ी, सेंधवा तथा निवाली 1 दिसंबर को पलसूद, सिलावद, बड़वानी तथा कुक्षी, 2 दिसंबर को गंधवानी, मनावर तथा धरमपुरी, 3 दिसंबर को नालछा होते हुए धार पहुंचेगी और 4 दिसंबर को पातालपानी आकर मुख्य कार्यक्रम में शामिल होगी।