नामजद शो-काॅज नोटिस एवं पांच हजार रू. का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा एक मामले में इंदौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बी.एस. सेत्या को छह जनवरी 2022 को आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। आयोग द्वारा सीएमएचओ डा. सेत्या को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा गया है कि क्यों ना उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये से अधिक का जुर्माना लगाया जाये ? आयोग ने सीएमएचओ डा. सेत्या को पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। नोटिस एवं जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली उप पुलिस महानिरीक्षक, इंदौर के माध्यम से कराई जायेगी। प्रकरण क्र 6065/इंदौऱ/2020 में कई बार स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन ना देने के कारण सीएमएचओ डा. सेत्या को आयोग में व्यक्तिशः उपस्थित होने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि गांधीनगर, पंचायत क्षेत्र, इंदौर निवासी आवेदक  अरूण पिता  रमेश जाटव ने आयोग को अक्टूबर 2020 में शिकायत प्रस्तुत की थी कि चर्म रोग की एलर्जी के उपचार हेतु वे एमवाय हाॅस्पिटल इंदौर के डा. राहुल नागर के पास गये थे। इलाज के दौरान डा. नागर द्वारा उन्हे विभिन्न प्रकार की गलत दवाईयां दी गईं, जिससे उनके कूल्हे की एवं ज्वाइंट की हड्डी खराब हो गई। आवेदक ने आयोग से डा. नागर के विरूद्व कठोर दंडात्मक कार्यवाही करने एवं उसे एक करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की थी। शिकायत मिलने पर आयोग ने प्रकरण क्र 6065/इंदौर/2020 दर्जकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, इंदौर को प्रतिवेदन देने को कहा। फिर कई स्मरण पत्र भी  भेजे, परंतु ना तो प्रतिवेदन मिला और ना ही उन्होंने आयोग को कोई जवाब प्रस्तुत किया। अब इस मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बी.एस. सेत्या को छह जनवरी 2022 को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होकर जवाब देने के लिये मंगलवार (16 नवम्बर 2021) को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस नोटिस एवं जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली के लिए डीआईजी इंदौर को भी तामीली पत्र भेज दिया गया है।