भोपाल । कार्तिक माह महोत्सव की धूम मची है। आध्यात्मिक उत्सव के रूप में मनाए जा रहे इस पर्व के दौरान रोज सुबह सैकड़ों श्रद्धालु दरबारों में जाकर कीर्तन वाणी का रसपान कर रहे हैं। महोत्सव के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कष्ट निवारण और सुख-समृद्धि की कामना के साथ भीकम के दीप प्रज्जवलित किए। सुखसागर दरबार में अभा गृहस्थ साधु समाज के अध्यक्ष बाबा रामदास उदासी ने कार्तिक माह में दीप प्रज्जवलन के महत्व पर प्रकाश डाला। भीकम के दीप गुरूनानक जयंती तक प्रज्जवलित रहेंगें
बाबाजी ने कहा कि देवउठनी एकादशी का धर्म जागरण में बड़ा महत्व है। असुरों के अंत और धर्म की जीत का संदेश देता यह पर्व धर्म के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा भी देता है। बाबाजी ने कहा कि इस दिन दीप दान का बड़ा महत्व है। दीप प्रज्जवलित करने से संकल्प और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शास्त्रों के अनुसार एकादशी पर एक नन्हीं चुहिया की गलती से एक बुझता हुआ दीपक प्रज्जवलित हो उठा था। चुहिया को रानी का जन्म मिला। बाबाजी ने कहा कि कार्तिक माह में भीष्म पितामह ने एकादशी से पूर्णमासी तक पंचम ज्ञान दिया था। तब से भीकम के दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा है। दरबार में बड़ी संख्या में साधकों ने दीप जलाए।
गंगाधाम उदासीन दरबार भी जगमग
एफ वार्ड स्थित श्री गंगाधाम उदासीन दरबार में कार्तिक माह महोत्सव मनाया जा रहा है। यहां प्रतिदिनि महंत तुलसी उदासीन का कीर्तन हो रहा है। साधकों ने भीकम के दीप प्रज्जलित किए। कार्तिक माह महोत्सव का समापन 19 नवंबर को गुरूनानक जयंती के साथ होगा। अवतरण दिवस की खुशियां मनाई जाएंगी।
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