भोपाल । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 29 हफ्ते की गर्भवती रेप पीडि़ता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। रेप पीडि़ता नाबालिग है। अगर अभी गर्भपात कराया तो यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की रिपोर्ट के बाद यह फैसला सुनाया। जस्टिस द्विवेदी ने कहा कि पीडि़ता भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की सलाह ले सकती है। वहां से उसे उचित सहायता मिलेगी। बच्चे के जन्म का खर्च राज्य सरकार को उठाने के निर्देश भी जारी किए हैं।
रेप पीडि़ता के पिता ने याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। उनका कहना था कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ दुराचार हुआ है। अब वह गर्भवती है। नाबालिग होने से बच्चे को जन्म देने में उसकी जान को खतरा है। इस मामले में हाईकोर्ट ने चिकित्सा विशेषज्ञों से रिपोर्ट तलब की थी। एक्सपट्र्स ने कहा कि पीडि़ता का भ्रूण 29 हफ्ते का है। गर्भावस्था की अनुमति तब ही दी जा सकती है जब भ्रूण 24 हफ्ते से कम का हो। अगर मौजूदा स्थिति में गर्भपात की इजाजत दी जाती है तो यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित होगा। इस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।