लखनऊ । कार्यालय के मालिकाना हक को लेकर मां-कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल आमने-सामने आ गई हैं। मामले में निर्वाचन आयोग ने अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल को एक नोटिस भेजकर उनकी पार्टी के लखनऊ स्थित पंजीकृत केंद्रीय कार्यालय के मालिकाना हक के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। आयोग ने यह नोटिस एक वकील वीरेंद्र सिंह की 10 नवम्बर की शिकायत पर 22 नवंबर को भेजा है। उल्लेखनीय है कि कृष्णा पटेल ने आयोग को सौंपे एक अनापत्ति प्रमाण पत्र में कहा है कि लखनऊ के बी एन रोड, लालबाग स्थित पार्टी का केंद्रीय कार्यालय जिस भूमि पर उपलब्ध है, वह उसकी मालकिन हैं और उन्होंने अपना दल (कमेरावादी) के केंद्रीय कार्यालय के संचालन के लिए उसे 500 रुपए प्रतिमाह की दर से किराए पर दिया है। वकील वीरेंद्र सिंह ने आयोग से शिकायत में कहा है कि जिस कार्यालय की मालकिन होने का दावा कर कृष्णा पटेल ने उसे अपना दल (कमेरावादी) को केंद्रीय कार्यालय के संचालन के लिए किराए पर दिया है, वह दरअसल अपना दल नामक राजनीतिक दल की संपत्ति है, जिसका विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कृष्णा पटेल द्वारा अपना दल नामक राजनीतिक पार्टी की संपत्ति का अनापत्ति प्रमाण पत्र किसी दूसरे दल को पंजीकृत कार्यालय चलाने के लिए देना ‘धोखाधड़ी’ है।
सिंह ने दावा किया कि पंजीकरण के लिए आवेदन देते समय कृष्णा पटेल अपना दल की प्राथमिक सदस्य भी नहीं थी। सिंह की शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने कृष्णा पटेल को नोटिस भेजा है और उनसे 22 दिसंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि की कि आयोग की ओर से कृष्णा पटेल को नोटिस भेजा गया है और उनसे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। आयोग ने कहा कि यदि वह निर्धारित समय के भीतर अपना जवाब नहीं देती हैं तो वह उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर उपयुक्त कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि शिकायत सही पाए जाने पर निर्वाचन आयोग दल का पंजीकरण रद्द भी कर सकता है। आयोग के इस नोटिस के बारे में कृष्णा पटेल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
कार्यालय के मालिकाना हक को लेकर मां-बेटी आमने-सामने
रविवार, नवंबर 28, 2021
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