
नई दिल्ली । अमेरिकन जर्नल ऑफ पॉलिटिकल साइंस (एजेपीएस) में छपे एक नए अध्ययन ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि 2019 में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बीजेपी पर बुरा असर पड़ा है। स्टडी में बताया गया है कि उन क्षेत्रों में बीजेपी के समर्थन पर नकारात्मक असर पड़ा है जहां पार्टी सत्ता में थी। बता दें कि पुलवामा हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सर्वे के आधार पर ऐसे निष्कर्ष नहीं निकाले जा सकते हैं। अध्ययन में दावा किया गया है कि सामान्य तौर पर राष्ट्रवादी सरकारें सुरक्षा संबंधी संकटों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में होती हैं और उनका झुकाव राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर कठोर विचार रखने का होता है। हालांकि, पेपर में तर्क दिया गया है, "चुनावी परिणामों और गांव-स्तर के आंकड़ों पर बूथ-स्तरीय डेटा का उपयोग करते हुए, हम पाते हैं कि पुलवामा पीड़ितों के अंतिम संस्कार के जुलूसों की निकटता ने उन क्षेत्रों में भाजपा के समर्थन को काफी हद तक 'कम' कर दिया जहां यह सत्ता में थी।" भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने शोध पत्र के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का व्यापक निष्कर्ष सिर्फ एक सर्वेक्षण के आधार पर नहीं निकाला जा सकता है। अग्रवाल ने कहा, “पुलवामा हमले के बहुत बड़े नकारात्मक प्रभाव हैं। लेकिन सरकार द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई से [प्रधानमंत्री नरेंद्र] मोदी की एक बहुत ही सकारात्मक छवि सामने आई है कि उनका मतलब व्यवसाय है।

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