गोरखपुर । उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आरएसएस भी सक्रिय हो उठी है। इसके तहत वह प्रदेश के आधे से अधिक हिस्से में राष्ट्रवाद की अलख को और मजबूती से उठाने जा रही है। आरएसएस के पूर्वी क्षेत्र में राष्ट्रवाद की अलख को और मजबूत करने के लिए आरएसएस ने स्वाधीनता का अमृत महोत्सव के तहत गांव गांव तक जाने का कार्यक्रम तय किया है। ने यूपी और उत्तराखंड को दो भागों और 7 प्रांतों में बांट रखा है, पूर्वी क्षेत्र में गोरक्षप्रांत, काशीप्रांत, अवध प्रांत और कानपुर प्रांत है तो पश्चिमी क्षेत्र में ब्रज-मेरठ प्रांत और उतरांचल है। इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रदेश के बड़े हिस्से को कवर कर लेगी। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के साथ मिलकर 19 नवम्बर रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन से लेकर 19 दिसम्बर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस तक ये अभियान चलाया जाएगा। अमृत महोत्सव के दौरान तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, भारत माता का पूजन होगा साथ ही सामूहिक वंदे मातरम का गायन होगा, नुक्कड़ नाटक साथ साथ इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज और विवि में प्रतियोगिता व गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
देश के लिए प्राणों का बलिदान करने वाले धरती मां के सपूतों को भी इस अवसर पर याद किया जाएगा और उनके स्मारकों पर दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा। इसी के साथ आरएसएस गुमनाम क्रांतिवीरों की खोज भी करेगा जो देश की आजादी के लिए बलिदान हो गए। उन लोगों को भी सबके सामने लाया जाएगा जो आजादी की लड़ाई तो लड़ी पर उनके नाम किसी के सामने नहीं आ सके। इस पूरे कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्र के सभी गांवों में वंदे मातरम का गायन किया जाएगा। इस अवसर के लिए एक नया नारा गांव गांव जाएंगे, वंदे मातरम गाएंगे भी तैयार किया गया है। आरएसएस ये कार्यक्रम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित कर रहा है।