ओबैदुल्लागंज संवाददाता एक और भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को साधने में लगे हैं आदिवासियों की हितों की बात करते हैं दूसरी ओर अधिकारी आदिवासियों को अपमानित करते हैं ताजा मामला वन मण्डल ओबेदुल्लागंज के अंतर्गत आने बाली गौहरगंज रेंज में प्रशिक्षण काल में प्रभारी रेंजर अंशज प्रताप सिंह भदौरिया के द्वारा क्षेत्र के आदिवासीयों को अपशब्दों एवं अभद्र भाषा के माध्यम से अपमानित किया गया और आदिवासियों के प्रति द्वेष भावना रख उनके लिए आपत्तिजनक शब्दो का इस्तेमाल कर पूरे आदिवासी समाज को जूते की नोक पर रखा हैं यह कहना हैं आदिवासी नेता विनोद इरपाचे का गौरतलब हो की 18 नवंबर को आदिवासी नेता विनोद इरपाचे समाज के किसी कार्य को लेकर प्रभारी रेंजर गोहरगंज अंशज प्रताप सिंह भदोरिया के पास उनसे मिलने उनके कार्यालय पहुंचे थे जहां इरपाचे द्वारा परिक्षेत्र गोहरगंज के ग्राम धांधूसर अंतर्गत आदिवासी समाज का देवस्थान स्थित है उस स्थान को वैधानिक किए जाने बाबत आग्रह किया गया जिस पर प्रभारी रेंजर अंशज प्रताप सिंह भदोरिया ने कहा कि सरकार ने तुम आदिवासियों का दिमाग खराब कर रखा है इससे पहले मैं छिंदवाड़ा में था वहां आदिवासियों को अपने जूते की नोक पर रखता था वहां आदिवासी मेरे नाम से थरथर काँपा करते थे वहां जाकर मेरे विषय में पूछ लेना बिना अनुमति कैंपस में आगे से आ मत जाना इस तरह से अपमानित होकर आदिवासी विकास परिषद मध्य प्रदेश के सचिव विनोद इरपाचे वहां से वापस आए आने के उपरांत वन मंत्री मध्यप्रदेश शासन को उन्होंने एक शिकायत पत्र भी लिखा है जिसमें ट्रेनी रेंजर द्वारा किए गए अपमान का उल्लेख करते हुए तत्काल सेवा मुक्त करने का निवेदन किया है साथ ही कहा है कि इस तरह की द्वेष भावना रखने वाले व्यक्ति को शासकीय सेवा में रहने का कोई अधिकार नहीं है जो आदिवासी समाज के प्रति इतनी द्वेष भावना रखता हो भविष्य में भी आदिवासी समाज को इनके द्वारा इसी तरह अपमानित किया जाएगा इन्हें तत्काल सेवा मुक्त कर आदिवासी समाज को सहयोग एवं सुरक्षा प्रदान करें ।
इनका कहना है
प्रभारी रेंजर द्वारा किए गए अपमान की शिकायत मेरे द्वारा वन मंत्री को की गई है इसमें विभाग जांच कर उचित कार्यवाही करें ।विनोद इरपाचेसचिव आदिवासी विकास परिषद मध्य प्रदेश
शिकायतकर्ता को मेरे द्वारा पूछा गया था कि इस संबंध में कोई उचित प्रमाण हो तो प्रस्तुत करें साथ ही यह जांच का विषय है जांच के उपरांत ही कहा जा सकता है कि इसमें कितनी सत्यता है फिर भी मैं इसकी जांच करवा कर ही कुछ बता पाऊंगा ।विजय कुमार वनमण्डल अधिकारी ओबेदुल्लागंज


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