भोपाल । तापमान में पिछले एक सप्ताह में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। अभी न्यूनतम तापमान 14-15 डिग्री के करीब है। जब यह 10-11 तक गिरेगा, तो लगभग सभी लोग गर्म पानी के नहाने एवं अन्य कार्यों में उपयोग करेंगे। शहर में साठ फीसदी घरों में बिजली के गीजर का उपयोग होता है। प्राय: एक मध्यमवर्गीय परिवार का गीजर एक यूनिट तक बिजली ले लेता है। इस तरह रोज गर्मी पानी की लागत आठ रुपए आएगी।
शहर में ज्यादातर लोग बिजली के गीजर का बाथरूम में फिटिंग कराते हैं, ताकि नल खोलते ही उन्हें गर्म पानी मिले। पानी गर्म करने वाला गीजर बिजली के अधिकतम उपयोग करने वाले उपकरणों में से एक है। बाजार में 500 वाट से लेकर 5000 वाट यानी 5 किलो वाट तक गीजर उपलब्ध है। गीजर में बिजली का उपयोग प्राय: उसकी साइज, गर्म पानी की जरूरत के हिसाब से होता है। औसत एक यूनिट प्रति घर गीजर का खर्च होता है। यदि तीन से सवा तीन लाख घरों में भी बिजली वाले गीजर का उपयोग होता है, तो तीन से सवा तीन लाख यूनिट बिजली दैनिक गर्म पानी के लिए ही लगेगी। यह बिजली लगभग 20 लाख रुपए दैनिक एवं करीब छ: करोड़ मासिक कीमत की  रहेगी। इस तरह ठंड में गर्म पानी करने के लिए करोड़ों की बिजली का उपयोग भी होगा। इसके अतिरिक्त कई परिवार शाम को रूम हीटर का भी उपयोग करते है, वह खर्च भी गीजर के अलावा होगा। बड़ी बात तो यह हैं कि तापमान गिरने के बावजूद अभी भी लाखों परिवार  सोते समय पंखों का उपयोग मच्छर भगाने की मंशा से कर रहे है। इस तरह पंखे पर भी बिजली का सतत खर्च पूर्व की तरह हो ही  रहा है।


होटल पर 20 रु.... एक बाल्टी
गर्म पानी की लागत आती ही है, चाहे वह लकड़ी या कोयला जलाकर आए या फिर गैस, बिजली के गीजर के माध्यम से। होटल पर शीतकाल में गर्म पानी की एक बाल्टी तकरीबन 20 रुपए तक चार्ज की जाती है। इसी से   गर्म पानी के सेवा के व्यय का अंदाजा लगाया जा सकता है।


सोलर सिस्टम तुलनात्मक कम
पानी गर्म करने के लिए सोलर हीटर भी लगाए जाते हैं, लेकिन इनकी संख्या तुलनात्मक रूप से कम है। सोलर वाटर हीटर की संख्या पूरे शहर में बीस हजार भी नहीं है। सोलर यूनिट लगाने का व्यय लगभग एक लाख आता है। इससे काफी लोग अभी इसे नहीं लगा रहे है।