बिलासपुर | रेल मंडल की पांच ट्रेनों के एसएलआर लीज में दिए जाएंगे। इसके लिए रेलवे ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान में 10 से अधिक ट्रेनों के एसएलआर लीज पर हैं। इन्हें भी पूर्व में लीज पर दिया गया था पर कोरोना संक्रमण की वजह से पार्सल कम थे। इसके चलते लीज होल्डटरों ने आधे में बीच हाथ खींच लिया था। पुरानी व्यवस्था से परिचालन होने से रेलवे को उम्मीद है कि ग्राहकी बढ़ेगी।

रेलवे पार्सल कार्यालय में सामान की बुकिंग दो तरह से होती है। एक रेलवे खुद करती है और दूसरी व्यवस्था के तहत लीज होल्डर बुक करते हैं। रेलवे लीज पर देने के लिए ज्यादा जोर देती है। इसके कई फायदे हैं एक तो लोडिंग-अनलोडिंग के लिए अतिरिक्त स्टाफ की आवश्यकता नहीं पड़ती और नुकसान या चोरी होने की स्थिति में रेलवे को जेब से नुकसानी नहीं भरनी पड़ती।

सबसे बड़ी राहत बुकिंग के लिए ग्राहक लाने की होती है। बाजार में आम लोगों के बीच रेलवे की पकड़ कमजोर है। हालांकि कोरोना काल में पहली बार रेलकर्मचारियों को मार्केटिंग के निर्देश दिए गए थे। कर्मचारी अलग-अलग कंपनी  व्यापारियों के पास पहुंचकर रेलवे से सामान परिवहन कराने के लिए प्रोत्साहित भी किए। पर यह व्यवस्था कारगर नहीं हुई। किसान स्पेशल भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।

जबकि लीज होल्डरों इस काम में परिपक्व है। इसीलिए रेलवे अधिक से अधिक ट्रेनों के एसएलआर लीज में देने पर जोर दे रही है। जिन पांच ट्रेनों के लिए प्रक्रिया शुरू की गई हैउनमें बिलासपुरभगत की कोठी एक्सप्रेसबिलासपुरचेन्न्ई एक्सप्रेसबिलासपुरपटना एक्सप्रेसबिलासपुरहापा एक्सप्रेस और बिलासपुरएर्नाकुलम एक्सप्रेस शामिल है। रेलवे को उम्मीद है कि टेंडर में बड़ी संख्या में लीज होल्डर दिलचस्पी लेकर आगे आएंगे।