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भागलपुर : तिलकामांझी चौक स्थित नगर निगम की जमीन पर बने रिमझिम होटल में शराब का कारोबार चलाया जा रहा था। अब बिहार राज्य मधनिषेद्य और उत्पाद अधिनियम के तहत राज्यहित में भवन को लिया जाएगा। इसके लिए समाहर्ता के न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सदर एसडीओ और नगर आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। सदर एसडीओ को समाहर्ता सुब्रत कुमार ने अधिगृहित संपत्ति को राज्यहित में उपयोग करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
निगम की जमीन का उपयोग गैर कानूनी कार्य के लिए किया जा रहा था। 31 अगस्त को आदेश जारी करते हुए नगर आयुक्त को होटल का लीज रद करने का निर्देश दिया है। नगर निगम ने होटल संचालक को लीज रद करने का नोटिस भेजा है। 15 दिनों में पक्ष रखने का समय दिया गया था। अब संचालक का पक्ष सुनने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। इसे लेकर उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का भी नगर आयुक्त को अनुपालन करना होगा।
नगर निगम द्वारा सीलबंद रिमझिम होटल के नीचले तल के एक कमरे से 18 बोतल विदेशी शराब की बोतल उत्पाद विभाग की टीम ने बरामद किया था। यह घटना 13 अक्टूबर 2020 की है। जिसमें दो लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया था। होटल संचालक ने आरोप पर अपना पक्ष भी रखा था। लेकिन कोई ठोस साक्ष्य व प्रमाण प्रस्तुत नहीं करने पर होटल की संलिप्तता समाहर्ता की सुनवाई के दौरान पाई गई।
इसमें कानूनी पेंच फंस गई है। जिस जमीन कार्रवाई होगी वो नगर निगम की है। जिसने रिमझिम होटल को 99 वर्ष के लिए लीज पर दे रखा है। होटल संचालक और नगर निगम का मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय ने अगल आदेश होने तक रोक लगाया है। दरअसल, नगर निगम के तत्कालीन कार्यपालक अधिकारी ने वर्ष 1985 में होटल निर्माण के लिए लीज पर जमीन उपलब्ध कराया था। इस भवन के निर्माण में करीब 1.76 लाख रुपये खर्च हुआ था। निगम से एग्रीमेंट के अनुसार 685 रुपये प्रतिमाह भवन का किराया निर्धारित हुआ।
इसमें से 200 रुपये प्रतिमाह भवन निर्माण के खर्च में कटौती होने लगी। निगम ने 99 वर्ष के लिए लीज पर जमीन दे दी। इसके बदले करीब 35 वर्ष में 80 हजार से अधिक का भुगतान भी हुआ। वर्ष 2019 में नगर निगम ने रिमझिम होटल के समीप 14 से अधिक दुकानों को ध्वस्त किया। लेकिन रिमझिम होटल ने न्यायालय में नगर निगम के आदेश के खिलाफ याचिका दर्ज कराया। इसके बाद निगम के आदेश पर तत्काल रोक लगा दिया।
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