आयोग ने कहा- कलेक्टर व एसपी गुना तीन सप्ताह में दें जवाब

गुना  जिले के शिवाजी नगर में एक समाज की पंचायत ने एक परिवार का बहिष्कार करने का फरमान सुनाया है। परिवार के लोगों का किसी भी शादी और यहां तक कि अंतिम संस्कार में शामिल होने पर तक रोक लगा दी है। समाज के दूसरे लोगों से भी उनसे संबंध रखने पर रोक है। इस परिवार ने मंदिर के लिये अपनी जमीन देने से मना कर दिया था। जिस कारण परिवार का सामाजिक बहिष्कार हो रहा है और पंचायत परिवार को समाज में वापस लेने के लिये अजीबो-गरीब फरमान सुना रही है, जिसके मुताबिक उन्हें पगड़ी पैरों में रखने, सिर पर जूता रखने, गौमूत्र पीने और पुरूषों के दाढ़ी कटवाने की शर्त रखी है। इसके बाद पीड़ित परिवार ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से ग्वाल समाज के पंच की शिकायत की है। शिकायतकर्ता हीरालाल घोषी ने बताया कि उनके परिवार की पुश्तैनी जमीन पर समाज का मंदिर बन रहा है। उन्होंने तीन बिसबा (1 बिसबा यानी 1300 स्क्वाॅयर फीट) जमीन मंदिर के लिये दान दे दी है। बाकी की जमीन पर उनके भाई और उनका घर बना हुआ है। उन्होंने बताया कि अब समाज के लोग पूरी जमीन मांग रहे हैं। इसके लिये उन पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा है। हीरालाल ने बताया कि समाज ने पंचायत बुलाकर उनका व उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया है। उन्हें समाज के किसी कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं है। समाज की पंचायत ने पंचनामा बनाकर उनको बहिष्कृत किया। पहले पंचनामा लिखकर मोहलत दी और इसके बाद समाज ने सभी संबंध खत्म कर दिये। इसी साल मई में उनके भाई की मौत हुई थी, उनके अंतिम संस्कार में भी समाज का कोई व्यक्ति शामिल नहीं हुआ, उनके घर में शादी थी, इसमें भी समाज के लोगों को आने से मना कर दिया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति  नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक गुना से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।