जबलपुर बिरसा मुंडा जयंती पर सोमवार को जबलपुर पहुंचे पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आज अमर शहीद बिरसा मुंडा को याद कर रहे हैं। 25 साल की उम्र में उन्होंने आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी। बंधुआ मजदूरों, शोषित की लड़ाई लड़ी। इतनी कम उम्र में समाज सेवा से जो नाम कमाया, उसे हम 146 साल बाद भी याद कर रहे हैं। आदिवासी नौजवानों को एक बार फिर अपने हक की लड़ाई लड़नी होगी। हमारे सीएम शिवराज सिंह चौहान सिर्फ आदिवासियों के नाम पर योजनाएं गिनाते हैं। वे इतना झूठ बोलते हैं कि झूठ भी शरमा जाए।

सोमवार को जबलपुर के जवाहर लाल कृषि विवि परिसर में कांग्रेस ने बिरसा मुंडा जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन कार्यक्रम में नेताओं के कद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाए। कार्यक्रम में मंच से नेताओं ने इसका ठीकरा बीजेपी पर फोड़ते हुए कहा कि वहां भीड़ जुटाने के लिए जिले-जिले में बसें लगवा दी गई थीं। लोगों को लालच देकर भोपाल बुला लिया गया।

मध्य प्रदेश में सोमवार को बिरसा मुंडा की जयंती पर पॉलिटिकल पावर में कांग्रेस के कार्यक्रम से भीड़ गायब रही। एक ओर भोपाल में पीएम मोदी नरेंद्र मोदी आदिवासियों के लिए सौगातों की घोषणा कर लुभाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर करीब 300 किमी दूर जबलपुर में कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी आदिवासी विधायकों संग 2018 में जुड़े इस समाज के वोट बैंक को बनाए रखने की कोशिश करते नजर आए।

मंच पर मौजूद पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह व अन्य नेता।

पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी 1.65 करोड़ है। ऐसे में बिना आदिवासी समाज को आगे बढ़ाए, प्रदेश का विकास संभव नहीं है। बीजेपी आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहती है। आज भी आदिवासियों को अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है। आदिवासी नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। 18 साल बाद अचानक सीएम को बिरसा मुंडा जयंती मनाने की याद आई।