72 वा संविधान दिवस भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर मनाया
-राष्ट्रीय बौद्ध महासभा व संत रविदास समिति के तत्वाधान में हुआ कार्यक्रम
अदनान खान सांची रायसेन की रिपोर्ट।
72 वें संविधान दिवस के पावन अवसर पर राष्ट्रीय बौद्ध महासभा, संत रविदास समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को साँची नगर में स्थित संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण,धूप वत्ती, मोमबत्ती प्रवज्वलित कर संविधान दिवस मनाया गया । इस अवसर पर मुकेश बौद्ध द्वारा बताया गया कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है। इसको बनाने में डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा अथक मेहनत लगन और परिश्रम किया गया। जिसको 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार कर 26 नवंबर 1949 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद को देश हित मे लागू करने के लिए संविधान सभा के समक्ष सुपुर्द किया। और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान कितना भी अच्छा क्यो न हो यदि उसको लागू करने वाले लोग अच्छे नही होंगे तो वह बुरा साबित होगा। एवं संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो यदि इसको लागू करने वाले लोग अच्छे होंगे तो अन्ततः यह अच्छा साबित होगा। एवं उपस्थित सभी सदस्यों को संविधान दिवस की शुभकामनाए प्रेषित कर अंत में सभी के द्वारा भारत के संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया।
इस अवसर पर पप्पू रेवाराम अहिरवार,वरिष्ठ समाजसेवी, अध्यक्ष संत रविदास समिति साँची ,मुकेश बौद्ध आईटी सेल प्रभारी राष्ट्रीय बौद्ध महासभा, लीलाकिशन अहिरवार सचिव, हिम्मत सिंह गंगवार शिक्षक, मोहन सिंह अहिरवार मोनू भैया,घनश्याम अहिरवार,दीपक पल्या,सोनू अहिरवार, सुनील चौधरी, वीरेंद्र चौधरी,गोपाल अहिरवार,टीकाराम अहिरवार, मनोज अहिरवार, कालू राम, राजेन्द्र पासी, हरि सिंह अहिरवार, दीपक अहिरवार सहित कई अम्बेडकर अनुयायी उपस्थित थे।
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