
खेतों में खड़ी फसल हो गई खराब, किसान चिंता में, राहत की आस, मुआवजे की घोषणा भी नहीं हो सकती
भोपाल । मानसून की विदाई के बाद बेमौसम हो रही बारिश उपचुनाव में दोनों दलों का गणित बिगाड़ सकती है। अब भला बारिश और उपचुनाव का क्या संबंध? वो ऐसे कि इन दिनों निमाड़ में कपास की फसल खेतों में तैयार खड़ी थी और निमाड़ की प्रसिद्ध मिर्च भी सूख रही थी। ऐसे में बारिश आने से दोनों फसलें कई क्षेत्रों में खराब हो गई हैं और किसान चिंता में आ गया है। खंडवा क्षेत्र में दूरदराज के कई गांव ऐसे हैं, जहां बारिश ने बहुत नुकसान किया है। दो दिन पहले हुई बेमौसम बारिश ने खंडवा की उन विधनसभाओं को प्रभावित किया है, जहां कपास और मिर्च की फसल होती है। इन दिनों फसलें पकने का मौसम होता है। कई क्षेत्रों में फसलें पक भी गई हैं और कई जगह तो मिर्च खलिहानों में कटकर तैयार पड़ी है। वैसे अधिकांश जगह मिर्च को मंडी में बेचने की तैयारी भी हो गई थी, लेकिन बारिश के कारण मिर्च गीली हो गई और सडऩे लगी है। किसान चिंता में हैं और अचानक हुए नुकसान के बाद उन्हें राहत की आस है। यही हाल कपास की फसलों का है। कपास भी पौधों में से बाहर आ गया था, लेकिन गीला होने के कारण अब उसके दाम वैसे नहीं मिलेंगे, जैसे मिलना चाहिए। दोनों ही फसलों को लेकर किसानों को मुआवजा चाहिए, लेकिन सरकार के सामने विडंबना है कि वह मुआवजे का ऐलान भी नहीं कर सकती है। कांग्रेस द्वारा किसी प्रकार की राहत देने का प्रश्न भी नहीं उठता। ऐसे में मतदान पर प्रभाव पड़ सकता है और किसानों की नाराजगी के कारण सत्ता पार्टी के वोट बैंक पर भी असर आ सकता है। अगर ऐसा रहा तो दोनों ही पार्टियों के वोटों का गणित गड़बड़ा सकता है।
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