मेरठ । मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना 'कन्या सुमंगला' मेरठ में लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। एक तो इसके लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं हो पा रहा है और दूसरा बड़ी संख्या में आवेदन भी फर्जी मिले हैं। हालात ये हैं कि जांच में जितने आवेदन पात्र लोगों के मिले हैं, लगभग उनके बराबर ही अपात्र पाए गए हैं। लगभग छह हजार आवेदनों की जांच अभी की जा रही है।
डेढ़ लाख लक्ष्य, आवेदन मात्र 20 हजार
जनपद में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत जनपद मेरठ का लक्ष्य डेढ़ लाख के आसपास है। योजना कई साल से संचालित है। बावजूद इसके यहां आवेदनों की संख्या नाममात्र है। सितंबर महीने तक योजना के सभी छह चरणों में 20,019 (बीस हजार उन्नीस) आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के दस्तावेजों के मुताबिक इनमें से अभी 5925 आवेदनों की जांच भी पूरी नहीं हुई है।
फर्जीवाड़ा करके योजना का लाभ लेने का प्रयास
कन्या सुमंगला योजना के छह चरण हैं। कन्या की आयु के मुताबिक उसका चरण निर्धारित किया जाता है। जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा आवेदनों की जांच कराई जा रही है। अभी तक की जांच में जनपद में 7674 आवेदन सही मिले हैं। वहीं 6420 आवेदनों को निरस्त किया गया है। जांच में ये अपात्र मिले हैं। जनपद में अभी तक 5331 लड़कियों को योजना के तहत भुगतान किया जा सका है। यह राशि 1.09 करोड़ है।
लापरवाही पर पूर्व अधिकारी को चेतावनी
लापरवाही सामने आने के बाद यहां जिला प्रोबेशन अधिकारी का तबादला भी किया गया है। इसी के साथ शासन ने पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कन्नौजिया को चेतावनी पत्र भी जारी किया है। जो कि हाल में मेरठ पहुंचा है।
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