वॉशिंगटन । खगोल विज्ञानियों की इस साल जून में सौर मंडल के बाहरी किनारे पर देखे गए एक धूमकेतु को लेकर अलग-अलग धारणाएं है। इस धूमकेतु का नाम बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन है। इस विशालकाय धूमकेतु का आकार 60 से 120 मील लंबा था। कुछ रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि यह अब तक का देखा गया सबसे बड़ा धूमकेतु है। अगर धूमकेतु की लंबाई इसके अधिकतम बिंदु तक है तो इसका आकार लंदन से बर्मिंघम तक फैला होगा। धूमकेतु की दुनिया में सबसे अधिक प्रसिद्ध 'हेली धूमकेतु' की लंबाई 3.5 मील थी। पनीसेलिया यूनिवर्सिटी के ग्रे बरस्टीन ने कहा कि हमने अब तक का सबसे बड़ा धूमकेतु खोजा है या अब तक का सबसे बड़ा धूमकेतु है जिस पर अध्ययन किया गया। सबसे बड़े धूमकेतु की खोज का सौभाग्य मिला है। इसकी खोज पास आने और गर्म होने से पहले ही कर ली गई है ताकि मानव इसके विकास को देख सकें। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह धूमकेतु पृथ्वी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी है कि यह कम से कम 2031 में सूर्य को 10.71 एट्रोनोमल यूनिटस की दूरी से पार करेगा। यह धूमकेतु ओर्ट क्लाउड नाम के हिस्से से आ रहा है जिसे स्टडी करना अपने आप में बेहद अहम है और सौर मंडल के कई रहस्यों को उजागर भी कर सकता है। यह धूमकेतु 30 लाख साल से सौर मंडल में नहीं आया है। सौर मंडल के बाहरी हिस्से के बारे में अभी हमें ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए वहां से आने वाले ऑब्जेक्ट्स में वैज्ञानिकों की दिलचस्पी ज्यादा रहती है। इसका आकार 155 किमी डायमीटर का है लेकिन दूरी की वजह से टेलिस्कोप की मदद से ही दिखेगा। इसे स्टडी करना इसलिए खास है क्योंकि माना जाता है कि ये बर्फीली चट्टानें सौर मंडल के 4.5 अरब साल पहले बनने के बाद से अब तक ज्यादा बदली नहीं है। इसकी केमिकल बनावट के आधार पर शुरुआती सौर मंडल के बारे में भी जानने को मिलेगा।
Please do not enter any spam link in the comment box.