भोपाल । राजधानी में नवरात्र की तैयारियां जोरशोर से चल रही है। मू‎र्ति बनाने वाले कलाकार मातारानी की मूर्तियों में रंग भरने व्यस्त हैं। शहर के मूर्तिकारों के अलावा कोलकाता से आए मूर्तिकार मातारानी की मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। बुधवारा, मंगलवारा, इतवारा, करोंद, लालघाटी चौराहा, माता मंदिर सहित डेढ़ दर्जन स्थानों पर मातारानी की छोटी व बड़ी आकर्षक मूर्तियां बनाई जा रही हैं, जिनमें रंग भरे जा रहे हैं। सात अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। मूर्तियां एक अक्टूबर शुक्रवार तक बनकर तैयार हो जाएंगी। माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामदयाल प्रजापति ने बताया कि कोरोना कम होने से इस साल नवरात्र को लेकर शहरवासियों में उत्साह है। पिछले साल कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दुर्गोत्सव मनाने की प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी। प्रजापति समाज के लोगों के अलावा कोलकाता से आए कलाकार काली माता की मूर्तियां बना रहे हैं। दो दर्जन से अधिक बड़े कलाकार आए हैं, जो शहर के मूर्तिकारों के साथ मिलकर मातारानी की मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। मालूम हो ‎कि 5000 छोटी-बड़ी मूर्तियां बनाई गई हैं, जो भोपाल, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद सीहोर सहित आसपास के क्षेत्रों में जाएंगी। 500 स्थानों पर शहर में मां दुर्गा की झांकियां सजाई जाएंगी। 200 मूर्तिकार प्रजापति समाज के कोलकाता से आए कलाकारों के साथ काम करते हैं। 6 से सात करोड़ रुपये की मां दुर्गा की मूर्तियां नवरात्र पर बिकती हैं। इधर राजधानी में सामाजिक व धार्मिक संस्था श्री हिन्दू उत्सव समिति ने आगामी दुर्गात्सव एवं दशहरा पर्व के लिए गाइडलाइन जारी करने के लिए कलेक्टर अविनाश लवानिया को ज्ञापन सौपा। समिति के अध्यक्ष कैलाश बेगवानी व मीडिया प्रभारी राजेश जैन ने बताया कि दस दिवसीय मां भगवती की आराधना का प्रमुख पर्व दुर्गात्सव शुरू होने में शेष हैं, जो कि सालों से शहर सहित देश भर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मालूम हो ‎कि इस साल नवराति का पर्व नौ ‎दिनों के बजाय आठ ‎दिन का रहेगा। ऐसा कुछ ‎विशेष ‎तिथियों में फेरबदल होने के कारण होना बताया जा रहा है।