
भोपाल। नर्मदा सौंदर्य को निखारने और लोगों की आस्था को मजबूत करने वाला नर्मदा समृद्धि कोरीडोर का काम जल्द शुरू होगा। नर्मदा नदी के तिलवारा घाट से भिटौली तक लगभग 8.5 किलोमीटर लंबे इस कोरीडोर को बनाने के लिए भोपाल से स्वीकृति मिल गई है, जिसके बाद जबलपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए)से इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू की दी है। पहले इस काम की जिम्मेदारी जबलपुर नगर निगम के पास थी, लेकिन फिर इस बनाने का जिम्मा जबलपुर विकास प्राधिकरण को सौंप दिया गया। जेडीए ने नर्मदा किनारे बनने वाले इस कोरिडोर का प्रस्ताव और डिजाइन स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति मिल गई है। अब जेडीए इसका फील्ड सर्वे करेगा।
जेडीए के मुताबिक इस कोरीडोर की स्वीकृति मिलने के बाद इसका फील्ड सर्वे होना है। इसकी जिम्मेदारी देख रहे अरूण खर्द ने बताया कि जिस जगह पर इसे बनाया जाना है, वहां की मौजूद स्थिति क्या है। कहां पर सड़क बनाने के लिए जगह है और कहां नहीं। किस और कितने क्षेत्र में अतिक्रमण है। इन सभी बातों का अध्ययन फील्ड सर्वे के दौरान किया जाएगा। हालांकि पहले इस कोरीडोर में बनने वाली सड़क की चौड़ाई 60 मीटर थी, लेकिन अब इसे 30 मीटर कर दिया गया है। इस वजह से सर्वे का काम जल्द हो जाएगा।
नर्मदा से होगा 300 मीटर दूर
इस कोरीडोर को नर्मदा से 300 मीटर दूरी पर बनाया जाएगा। जानकार बताते हैं कि इसकी डिजाइन को बहुत कुछ अहमदाबाद के साबरमती रिव्यू की तरह बनाया है, जिससे नर्मदा के दर्शन करने वालों के साथ यहां आने वाले अन्य लोगों को मनोरंजन का एक नया स्थल मिल सके। इसी वजह से इस कोरीडोर को पर्यटन की दृष्टि से ध्यान रखकर भी तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी पहले चरण में फील्ड सर्वे के बाद सड़क बनाने का काम शुरू होगा।
चौड़ाई पहले 60 थी, अब 30 मीटर की
नर्मदा नदी के तटीय हिस्से तिलवारा से शुरू होकर भटौली यानी ग्वारीघाट के बीच प्रस्तावित नर्मदा समृद्धि कॉरीडोर की सड़क को लेकर संशय भी खत्म हो गया है। पहले यह सड़क 60 मीटर चौड़ी बनाना थी, लेकिन अब इसे 30 मीटर चौड़ा बनाने का निर्णय लिया गया। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने 3 जनवरी 2020 को नए एलायमेंट वाला नोटिफिकेशन जारी किया था। पौने दो साल बाद इसे स्वीकृति।

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