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जयपुर । कोरोना का असर हाथी मालिकों पर भी पड़ा है। शहर के ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही दिखाई दे रही है, लेकिन आमेर महल और हाथीगांव में संचालित हाथी सवारी के प्रति पर्यटकों का क्रेज कम है। ऐसे में इनकम ना होने से हाथी मालिकों के लिए हाथी पालना चुनौती बनता जा रहा है। महंगाई की मार के चलते इन्हें खाने में दिए जाने बाले गन्ना और बाजरा की रेट में बढ़ गई है। हाथी मालिक बल्लू खान ने बताया कि पहले एक हाथी की एक दिन की डाइट करीब 2200 रुपए पड़ती थी, लेकिन अब डाइट तकरीबन 3500 रुपए है। पहले गन्ना 450 रुपए क्विंटल था, अब 550 रुपए में मिल रहा है। शरीर पर लगाए जाने वाले तेल की कीमत 100 रुपए बजाय 200 रुपए किलो हो गई है। इसके अतिरिक्त ज्वार के भाव में भी बढ़ोतरी से जेब पर भार पड़ रहा है। बल्लू ने बताया कि कोरोना के बाद से इनकम ना के बराबर हो रही है। उधार पैसे लेकर हाथियों की डाइट का इंतजाम किया जा रहा है। हाथी गांव में रहवास कर रहे हाथियों को ठण्ड से बचाने के लिए जल्द ही तेल मालिश का उपयोग किया जाएगा। नूरानी तेल में मीठा में तेल, लॉन्ग, जायफल मिलाकर हाथियों के शरीर पर मालिश की जागी जबम्बर से इन्हें डाइट में बाजरे की खिचड़ी, गुड़, गाना सूखी ज्वार, रंजका और च्वयनप्राश खिलाया जाएगा।
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