
देहरादून। प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं। वहीं, मकान जमींदोज होने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। साथ ही कई संपर्क मार्ग बाधित होने से लोग घरों में कैद हो गए हैं। बात श्रीनगर की करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे चमधार के पास भूस्खलन से बाधित हो गया है। हाईवे बाधित होने से कई लोग फंसे हुए हैं हालांकि सरकार की ओर से बंद सभी मार्गों को खोला जा रहा है। इस सबसे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। पर्यटन और पीडब्लूडी मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जो मार्ग प्रभावित हुए हैं उनको दुरुस्त किया जा रहा है इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। चारधाम यात्रा पर पहुंचे हुए श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वह कुछ दिन के लिए अपनी यात्रा को रोक दें और जहां हैं वहीं रहें। वहीं राज्य में अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान को लेकर विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी सरकार पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि राज्य में अतिवृष्टि से जिन लोगों का नुकसान हुआ है सरकार को उनका नुकसान की भरपाई करनी चाहिए और उधमसिंह नगर में किसानों के धान का जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा किसानों को देना चाहिए। गौर हो कि भारी बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है कई जगहों पर पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर गिर रहे हैं जो खतरे का सबब बन रहे हैं। दूसरी ओर चमोली में 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी तीसरे दिन बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से जहां जिले में तापमान घटने लगा है निचले इलाकों में हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ-साथ कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। जनपद में लगातार हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे 11 स्थानों पर मलबा आने से बाधित है, जबकि, चमोली की 17 ग्रामीण सड़कें भी मलबा और भूस्खलन होने से बाधित पड़ी हुई हैं। वहीं, चमोली में नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, हालांकि अभी नदियां खतरे के निशान से कुछ मीटर नीचे बह रही हैं।
*सम्पूर्ण समाचारो के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल होगा समाचार का माध्यम मध्य प्रदेश जनसम्पर्क है

Please do not enter any spam link in the comment box.