रायपुर। हम बड़ी होकर पुलिस अधिकारी बनना चाहती हैं, ताकि गलत काम करने वालों को पकड़ सकें और दोषियों को सजा दिला सकें। यह ख्वाहिश बालिका गृह में रहने वाली अनाथ, मजबूर बच्चियों ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के सामने जताई। उनके पास आम बच्चों की तरह सुख-सुविधाएं और साधन नहीं हैं, लेकिन उनके दिल में अरमान है एक बेहतर भविष्य बनाने का। एक के बाद एक तीन चार बच्चियों ने कहा कि वे पढ़ लिखकर ऊंचे पद पर आसीन होना चाहतीं हैं।
यह सुनकर बाल आयोग अध्यक्ष ने उन बच्चियों को स्कूल में भर्ती करवाने और उनकी समुचित देखभाल करने के निर्देश अधिकारियों को दिया। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेज कुंवर नेताम ने बालिका गृह का आकस्मिक निरीक्षण किया।
नेताम ने बालिका गृह में बच्चियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और उनके कमरों, रसोई घर, शौचालय का निरीक्षण किया और बच्चियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने का निर्देश दिया। इसके बाद बालिका गृह में रह रही बच्चियों से बात-चीत कर उनका हाल-चाल जाना। बालिकाओं ने नेताम को उत्साह से गीत सुनाए और अधिकांश बच्चियों ने स्कूल जाने और कुछ करने की इच्छा जताई।
बालिकाओं की इच्छा को देखते हुए नेताम ने अधिकारियों को सामान्य ज्ञान व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उन्हें तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उम्मीद जताई कि समय-समय पर महिला आईपीएस, डीएसपी, सब इंस्पेक्टर को बालिकाओं के मार्गदर्शन के लिए बुलाया जाए, ताकि बालिकाएं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो और उन्हें सही मार्गदर्शन मिल सके।
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