समाज कल्याण, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों से भी शासन ने ब्यौरा तलब किया है। इन तीनों विभागों ने प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली दो बहनों में से एक की ट्यूशन फीस की भरपाई के लिए अलग से बजट भी मांगा है। इन विभागों ने अपनी जो रिपोर्ट दी हैं उसमें कहा गया है कि प्री मैट्रिक यानि कक्षा नौ और दस के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग के ऐसे छात्र-छात्राएं जिनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये हैं, को आवेदन करने पर पात्रता के आधार पर छात्रवृत्ति दी जाती है जो कि 3000 रुपये वार्षिक होती है। मगर इनमें ऐसी छात्राएं जो किसी प्राइवेट स्कूल में एक साथ पढ़ रही हैं, उनकी फीस भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
इसके पोस्ट मैट्रिक यानि कक्षा ग्यारह-बारह, स्नातक व स्नातकोत्तर के अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, नर्सिंग आदि व्यासायिक पाठ्यक्रमों के अनुसूचित जाति-जनजाति के उन छात्र-छात्राओं को जिनके परिवार की वार्षिक आय सीमा ढाई लाख रुपये तक है और सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के उन छात्र-छात्राओं को जिनके परिवार की वार्षिक आय सीमा दो लाख रुपये तक है, के सभी आवेदक व पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि दी जाती है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्त आय सीमा के एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य और अल्पसंख्यक वर्ग के एक परिवार के सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि दी जाती है। मगर सामान्य वर्ग,अल्पसंख्यक वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं को उपलब्ध बजट की सीमा तक ही छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाती है।
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