बीकानेर। राजस्थान में हाल ही में हुई सबसे बड़ी रीट की परीक्षा में नकल को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। नकलची चप्पल में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपाकर ले गए थे। परीक्षा देने के लिए नकलची परीक्षार्थियों के लिए बस की विशेष सुविधा थी। नकल गिरोह द्वारा अभ्यर्थियों को चलती बस में ही चीटिंग की ट्रेनिंग दी गई थी। चप्पल से नकल के खेल का खुलासा बीकानेर की पुलिस ने करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस अब इस नकल मामले में एक एक कर सारी परतें खोलते हुए खुलासा कर रही है। गंगाशहर थाना पुलिस ने इस खेल में अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग सेशन का आयोजन करने वाले गैंग एक आरोपी राकेश जाट को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की प्रारम्भिक जांच में सामने आया की राकेश मुख्य अभियुक्त तुलसीराम कालेर का विश्वासपात्र है। नकल कराने के लिए रीट अभ्यर्थियों का एग्जाम से पहले एक ट्रेनिंग सेशन भी हुआ था।
पुलिस का मानना है कि राकेश के घर पर ही नकल की ट्रेनिंग के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। 25 सितंबर को राकेश एक बस किराए पर लेकर आया था। इसी बस में परीक्षार्थियों को बैठाकर जयपुर रोड ले जाया गया, जहां मुख्य सरगना तुलसीराम कालेर भी बस में सवार हो गया। इसी चलती बस के अंदर नकल करने की ट्रेनिंग दी गई। यहीं तुलसीराम ने परीक्षार्थियों को नकल वाली डिवाइस को छिपाने और ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी। पुलिस का प्रयास मुख्य सरगना तुलसीराम कालेर को गिरफ्तार करना है। पुलिस गिरफ्त में आए लोगों से कालेर से जुडी जानकारियां जुटा रही है। वहीं अलग अलग टीमों को उसकी तलाशी में लगा रखा है। एसपी प्रीति चंद्रा ने पांच हजार का इनाम भी घोषित किया है। फिलहाल गैंग के खुलासे के बाद से कालेर पुलिस की पकड़ से दूर है। वर्तमान के मुकदमों सहित उसके खिलाफ कुल सात मुकदमे बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हर प्रतियोगी परीक्षा में हुई धांधली और नकल में कालेर की भूमिका हो सकती है।
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