दिल्ली |  सड़कों पर डंप लावारिस वाहनों के खिलाफ निगम ने कार्रवाई तेज कर दी है। दो हफ्तों के भीतर उत्तरी निगम ने 110 वाहनों को जब्त किया है। हैरानी की बात ये है कि जब्त किए गए करीब 60 फीसदी वाहनों के मालिक अपना वाहन क्लेम करने अभी तक नहीं आए जबकि इन्हें निगम की ओर नोटिस भेजा जा चुका है।

सड़कों पर खड़े आवारा वाहनों के खिलाफ निगम पहले भी समय-समय पर कार्रवाई करता रहा है। करोल बाग जोन के उपायुक्त (डीसी) हिमांशु गुप्ता ने बताया कि सड़क पर वाहनों को खड़ा करके गायब होने का चलन बढ़ गया है। नियमित रूप से जांच के बाद पता चला कि तमाम ऐसे वाहन हैं, जो लंबे समय से सड़क पर खड़े किए गए हैं। इनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई को तेज की गई है।

अभियान के तहत प्रत्येक शनिवार को वाहनों को जब्त करना शुरू किया गया, इसके बाद इन वाहनों के मालिकों को नोटिस भेजा गया। पहले शनिवार को करोल बाग जोन में ही 50 वाहन जब्त किए गए थे। जबकि पिछले शनिवार को फिर से 60 वाहनों को जब्त किया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नोटिस भेजने के बावजूद वाहन मालिक अपने वाहन क्लेम करने नहीं आ रहे।

डीसी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि सख्ती बढ़ाई गई है। जब्त वाहनों के मालिकों पर किलो के हिसाब से पेनाल्टी लगाने का विधान तय किया गया है। जब्त वाहनों का एक दिन का करीब तीन से साढ़े तीन हजार रुपये पेनाल्टी चार्ज पड़ रहा है। शायद यही कारण है कि लोग वाहनों का क्लेम करने नहीं आ रहे हैं।

डीसी ने बताया कि करीब 60 फीसदी लोग वाहनों को लेने अभी तक नहीं आए हैं। इन्हें जल्द ही क्रैश किया जाएगा। इन गाड़ियों के वेस्ट पार्ट वेस्ट टू वंडर और भारत दर्शन पार्क जैसी जगहों पर इस्तेमाल किए जाएंगे।