
बोस्टन । मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसे संस्थानों में तत्काल सुधार की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ये संस्थान अब उन देशों की बातें नहीं रखते, जिनके मुद्दे दशकों से अनसुने रहे हैं। इन सभी संस्थाओं को खुद में सुधार करना होगा। सीतारमण ने कहा,कई देशों में सुधार अलग-अलग चरणों में हो रहे हैं, जबकि ये वैश्विक संस्थान वैसे ही बने हुए हैं जैसे वे पिछले कई दशकों से थे।उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर संस्थान उन देशों की बातें नहीं रखते हैं, जिनके मुद्दों पर दशकों से ध्यान नहीं दिया गया है। फिर चाहे ये मुद्दे व्यापार, सुरक्षा, मौद्रिक ढांचे से जुड़े हों या विकास के वित्तपोषण से संबंधित हों। सीतारमण ने कहा, इन सभी संस्थानों के लिए और अधिक पारदर्शी होने, प्रतिनिधित्व करने और उन देशों के लिए बोलने की सख्त आवश्यकता है, जिन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है।इसकारण मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो तुरंत होना चाहिए।"
किसी चीज की कोई कमी नहीं, कोयला संकट की खबरें निराधार
देश में कोयले की कमी से जुड़ी खबरों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि देश में किसी चीज की कोई कमी नहीं है और कोयला संकट की खबरें निराधार है।सीतारमण ने कहा कि विद्युत मंत्री आर के सिंह ने दो दिन पहले ही स्पष्ट किया है कि कोयला संकट या अन्य माल की कमी की खबरें पूरी तरह गलत हैं। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि हर विद्युत उत्पादन संयंत्र में अगले चार दिनों का कोयला उनके परिसर में पूरी तरह उपलब्ध है और आपूर्ति श्रृंखला बिल्कुल भी नहीं टूटी है। दरअसल ऊर्जा में कमी और भारत में कोयले की कमी से संबंधित खबरों के बारे में पूछने पर सीतारमण ने यह जवाब दिया। उन्होंने कहा, ऐसी कोई कमी नहीं होगी जिससे आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इस तरह से हम देश में बिजली की स्थिति का ध्यान रख रहे है। अब हम एक ऊर्जा अधिशेष वाले देश हैं।"

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