
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि बहुत जल्द ही महिला अधिकारी सेना की इकाइयों और बटालियन की कमान संभालती दिखेंगी. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद सेना द्वारा महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देना शुरू किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना का यह कदम महिला अधिकारियों के करियर के प्रगति का हिस्सा है.सेना में महिला अधिकारियों की इस भूमिका पर रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी शंघाई सहयोग संगठन वेबिनार में संबोधन के दौरान आयी. राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस, केंद्रीय पुलिस, अर्धसैनिक और सशस्त्र बलों में महिलाओं को शामिल करने के लिए हमारा दृष्टिकोण प्रगतिशील रहा है. हमने सेना के हर पहलू में विकासवादी मार्ग अपनाया है.
एनडीए में शामिल होंगी महिलाएं
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद सशस्त्र बल महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाएं अगले साल से भारत के प्रमुख त्रि-सेवा पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण संस्थान एनडीए में शामिल हो सकेंगी.
महिलाओं के लिए 2015 में आया ऐतिहासिक मोड़
उन्होंने कहा कि सेना में महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मोड़ 2015 में आया जब उन्हें सेना की लड़ाकू यूनिट में शामिल करने का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में लगभग 25 साल बाद चार महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर तैनात किया गया था, लेकिन अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां महिलाओं के लिए नो गो जोन बना हुआ है.रक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं को सेना में शामिल करने की प्रक्रिया व्यापक और प्रगतिशील पथ पर है और इसके लिए समाज और सशस्त्र बलों को भी तैयार रहना होगा. सफल बदलाव एक महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपने आप को साबित किया है. उन्हें आज तक जो भी कर्तव्य सौंपे गए हैं उन्होंने उसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने कई तरह की बाधाओं को तोड़ा है और आने वर्षों में वे हर मुश्किल चुनौती को जोरदार तरीके से जवाब देंगी. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या में पिछले छह वर्षों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है.

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