पटना । राज्य के विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विद्याॢथयों के लिए अच्छी खबर है कि सरकार उन्हें अपने खर्च पर पर्यटन स्थलों की सैर कराएगी। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में शामिल है। उसी के आलोक में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है।
शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक, इस नई पहल से विद्यार्थी ऐसे स्थलों के इतिहास, वैज्ञानिक योगदान, परंपराओं आदि से भी परिचित हो सकेंगे, जो अब तक वे किताबों में ही पढ़ते रहे हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को पर्यटन स्थलों के अलावा अन्य राज्यों में ऐसी जगहों भ्ररण कराने हेतु नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रविधान किया गया है। इसमें छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रमुख ऐतिहासिक और कला-संस्कृति से जुड़े पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराने पर जोर दिया गया है।
विद्यार्थियों के पर्यटन स्थलों की सैर कराने हेतु राज्य सरकार अगले साल से बजट में राशि का प्रविधान करेगी। इस राशि से विद्यार्थियों को भ्रमण के लिए ले जाया जा सकेगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं नई पीढ़ी समृद्ध विरासत, विविधता, संस्कृति, भाषा और ज्ञान से जुड़ेगी। गौरतलब है कि बिहार में स्कूली छात्र-छात्राओं के बिहार परिभ्रमण की योजना पहले से चल रही है। इसके लिए स्कूलों को राशि प्रदान की जाती है।
हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एक साल में एक बार परिभ्रमण का मौका मिलता है। उनके साथ शिक्षक भी जाते हैं, जो उन्होंने बिहार की संस्कृति, इतिहास और भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं। बिहार सरकार की इस योजना का लोगों ने खूब सराहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में स्कूली छात्रों के परिभ्रमण की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई थी। इससे छात्राओं की बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि हुई है।
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