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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान अभी भी आक्रोशित और आंदोलित दिखाई दे रहे हैं। मायावती ने कहा कि किसानों का काफी ज्यादा शोषण हो रहा है। लखीमपुर खीरी की घटना इसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों की आड़ में मौजूदा सरकार हम लोगों को काफी परेशान कर सकती है। ऐसे में पार्टी के लोग कोरोना नियमों का पालन करते रहें। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश के अन्य राज्यों की तरह यहां यूपी में भी ज्यादातर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आसीन रही है और केंद्र में भी रही है और उनकी सोच जातिवादी और पूंजीवादी वाली रही है।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पलायन कर रहे लोगों की मदद नहीं की। ऐसे में यह लोग लॉकडाउन के खत्म होते ही रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में चले गए। दुख की बात तो यह भी है कि कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है उनके दाह संस्कार के लिए भाजपा सरकार ने लकड़ी तक का प्रबंधन नहीं किया था। जिसकी वजह से शव गंगा-यमुना नदी नालों में बहते हुए नजर आए हैं। इससे इनके संस्कारों का भी काफी कुछ पता चलता है। ओवैसी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि दूसरे राज्यों में जब उत्तर प्रदेश के लोग कोरोना से परेशान थे तो उनकी किसी भी पार्टी ने मदद नहीं की थी और ओवैसी ने तो मुस्लिम भाईयों का भी साथ नहीं दिया था और अब यहां पर वोट मांग रहे हैं।
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