चंडीगढ़, पंजाब कांग्रेस में चल रहे संकट के बादल छंटने के आसार बन गए हैं। गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के बीच चंडीगढ़ के पंजाब भवन में हुई। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से, इसमें दोनों के बीच सुलह के फार्मूले पर सहमति बन गई है।
बैठक में पार्टी की तरफ से नियुक्त पर्यवेक्षक हरीश चौधरी भी मौजूद थे। वहीं मंत्री परगट सिंह भी पंजाब भवन में मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद चन्नी और सिद्धू संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसी बीच मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने चार अक्तूबर को सचिवालय में कैबिनेट बैठक बुलाई है।
वैसे सिद्धू जहां पंजाब के मुद्दों की दुहाई देते हुए अपने फैसलों पर अडिग नजर आ रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सुलह का समर्थन करते हुए यह भी साफ कर दिया है कि वे भी पंजाब के मुद्दों को लेकर जनता के प्रति वचनबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री चन्नी ने बुधवार को सिद्धू से फोन पर बातचीत के बाद सब कुछ ठीक हो जाने की उम्मीद तो जताई है लेकिन बकौल चन्नी, सिद्धू जिन मुद्दों पर अड़े हैं, उनके समान ही वह भी पंजाब की जनता के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सिद्धू ने दागी नेताओं और दागी अफसरों खासकर डीजीपी और एजी की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। उनकी तरह ही मैं खुद भी रेत, शराब और ड्रग माफिया के खिलाफ हूं। मैं भी पंजाब के मुद्दों को लेकर जनता के प्रति वचनबद्ध हूं। मैंने पहले दिन ही साफ कर दिया था कि माफिया के लोग किसी भी काम के लिए मुझसे न मिलें। मेरा जितना कार्यकाल है, उसे मैं जनता से किए वादे पूरे करने में लगाऊंगा। पंजाब मेरे लिए भी प्राथमिकता है और हमेशा रहेगा।
चन्नी ने कहा कि जहां तक प्रदेश प्रधान के सवालों का मुद्दा है, अगर किसी बात पर पार्टी नेताओं की सर्वसम्मति नहीं बनती तो ऐसे फैसलों को बदला भी जा सकता है। उनकी सरकार द्वारा लिए गए फैसले कोई पत्थर की लकीर नहीं हैं। जब भी जरूरत होगी, इनमें बदलाव हो जाएगा।
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