भोपाल हमारे देश में अंधविश्वास आज भी कूट-कूट कर समाया है। मोक्ष पाने के लिए बलि देने और समाधि लेने की घटनाएं आज भी यदाकदा सुनाई दे जाती हैं। ऐसी ही एक घटना मुरैना जिले के कैथोदा पंचायत के तुस्सीपुरा गांव में गुरुवार को सामने आई, जिसमें बाबा दुर्गादास आश्रम के हनुमानजी व कालीजी के मंदिर में पूजा पाठ करने वाले राम सिंह बाबा उर्फ पप्पड़ बाबा ने गड्ढे में लेटकर समाधि लेने का प्रयास किया। एसपी ललित शाक्यवार ने लाइव हिंदुस्तान को बताया कि समय पर पुलिस के पहुंच जाने से पप्पड़़ बाबा समाधि नहीं ले सके और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
तुस्सीपुरा गांव में रामसिंह बाबा उर्फ पप्पड़ बाबा का भरापूरा परिवार है। बाबा की उम्र के बारे में दावा किया जाता है कि वे 105 साल के हैं। कहा जाता है कि बाबा को कुछ दिन पहले सपना आया था कि अगर उन्हें मोक्ष पाना है तो समाधि ले लें। बाबा ने इसके लिए नवरात्रि के पहले दिन का समय तय किया। बाकायदा उन्होंने अपनी समाधि के लिए करीब पांच फुट गहरा गड्ढा खुदवाया।
समाधि का सुनकर जमा हुए श्रद्धालु
तुस्सीपुरा में गुरुवार को सुबह पांच बजे पप्पड़ बाबा ने अपने नाती प्रेमसिंह कुशवाह को दोपहर दो से पांच बजे के बीच समाधि लेने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे अपना चोला त्याग (देह त्याग) कर समाधि लेंगे। उनकी समाधि की तैयारियों का आसपास के कई गांव में प्रचार हो गया तो लोग समाधि के पहले बाबा के दर्शन करने गांव में पहुंचना शुरू हो गए। दोपहर सवा दो बजे बाबा समाधि के खोदे गए गड्ढे में उतर गए तो लोगों ने ढोलक बजाकर भजन-कीर्तन गाते हुए उन्हें विदा करने की तैयारी शुरू कर दी। लोगों ने मिठाई और फल-फ्रूट का प्रसाद भी चढ़ाया। कई लोगों ने रुपए भी भेंट किए।
पुलिस ऐन मौके पर पहुंच गई
समाधि की सूचना पाकर सिविल लाइन थाना की पुलिस तुस्सीपुरा गांव में पहुंची तो भारी भीड़ होने से श्रद्धालुजनों को समझाया गया। बाबा के हाथ जोड़कर उन्हें गड्ढे से बाहर आने का आग्रह किया गया। समाधि के गड्ढे में दो घंटे से ज्यादा लेटने के बाद बाबा की तबियत बिगड़ गई। थाना प्रभारी सिविल लाइन विनय यादव ने लाइव हिंदुस्तान को बताया कि उन्हें समझाबुझाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मगर मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
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