टोरंटो. कनाडा (Canada General Election) में पहले चरण का मतदान होने के बाद शुरुआती परिणाम आने शुरू हो गए हैं. जिससे पता चलता है कि जस्टिन ट्रू़डो (Justin Trudeau) की लिबरल पार्टी भारी मतों से चुनाव जीत रही है. ऐसे में ट्रूडो का दोबारा प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.चुनाव अधिकारियों को मेल किए गए बैलेट की गिनती भी करनी है. ट्रूडो तय समयसीमा से दो साल पहले चुनाव करवा रहे हैं. उनकी पार्टी को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी में चुनाव कराने से पार्टी को फायदा हो सकता है. ट्रूडो का ऐसा मानना है कि उनकी पार्टी ने कोरोना वायरस महामारी को बेहतरी से नियंत्रित किया है. इससे पहले 2019 के संघीय चुनाव (federal election) में पार्टी बहुमत से पीछे रह गई थी. 49 साल के ट्रूडो साल 2015 से देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के विरोध प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा है. पिछले चुनाव की बात करें, तो तब लिबरल पार्टी ने 157 सीट जीती थीं. जबकि कंजरवेटिव पार्टी ने 121 सीटों पर जीत दर्ज की थी.चुनाव के बड़े मुद्दों में कोरोना महामारी को लेकर किए गए काम, महंगाई और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कनाडा का रुख़ जैसे मुद्दे शामिल हैं. चुनाव सर्वेक्षणों में ट्रूडो की लिबरल पार्टी और प्रतिद्वंद्वी कंजरवेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर बतायी गयी है.
लिबरल पार्टी के संसद में अधिकतम सीट जीतने की संभावना
लिबरल पार्टी के संसद में अधिकतम सीट जीतने की संभावना है, लेकिन बहुमत हासिल करने को लेकर संशय है. ऐसी स्थिति में विपक्ष के सहयोग के बग़ैर कोई विधेयक पारित कराना संभव नहीं होगा.
सबसे अधिक भारतीय कनाडा में बसे
जस्टिन ट्रूडो की सरकार में भारतीयों को सबसे अधिक लाभ हुआ है. ट्रूडो की पार्टी ने साल 2015 के बाद एक्सप्रेस एंट्री प्रोग्राम (Express Entry program) के तहत आव्रजन नीति का विस्तार किया था. आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में कनाडा ने 3.4 लाख लोगों को स्थायी निवास का दर्जा दिया गया. इन अप्रवासियों में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की है. ये कुल संख्या का 25 प्रतिशत हिस्सा है, इसके बाद चीन (9 प्रतिशत) और फिलीपींस (8 प्रतिशत) का नंबर आता है.
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