
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर से सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा महेश शर्मा ने कहा कि महापुरुषों की कोई जाति या धर्म नहीं होता, वे सब जाति व धर्म के होते हैं और सभी उनका आदर करते हैं, ऐसा ही सम्राट मिहिर भोज के साथ भी है। शर्मा ने कहा कि इस मामले में कुछ लोग जानबूझ कर राजनीति कर रहे हैं लेकिन वे अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पायेंगे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने रविवार को सेक्टर-6 स्थित इंदिरा गांधी कलाकेन्द्र में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव आंबेडकर महापुरूष हैं। सभी लोग उनका आदर करते हैं। ऐसा ही सम्राट मिहिर भोज के साथ है। वह भी किसी जाति विशेष के नहीं बल्कि सभी जाति धर्म के लोगों के लिए आदरणीय हैं। इस प्रकरण में कुछ लोग जानबूझ कर राजनीति कर रहे है।’’ डॉ शर्मा राज्य में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर संवाददताओं से बातचीत कर रहे थे। गौरतलब है कि पिछले तीन-चार दिन से सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर व क्षत्रिय समाज के लोग उन्हें अपनी अपनी जाति का सम्राट बताते हुए नोएडा व ग्रेटर नोएडा में सडक़ों तक पर उतरने शुरू हो गए हैं। गुर्जर व क्षत्रिय समाज के संगठनों ने प्रेसवार्ता में सम्राट मिहिर भोज को अपना राजा बताते हुए इतिहास के कुछ पन्ने भी मीडिया के सामने दस्तावेज के रूप में प्रदर्शित किए। वहीं करणी सेना ने ग्रेटर नोएडा के प्यावली गांव में महापंचायत की जिसमें सौ से ज्यादा क्षत्रिय समाज के गांवों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। दादरी के सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में लगने वाली सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा 15 फुट ऊंची है। यह प्रतिमा अष्टधातु की है जिसे कॉलेज में स्थापित किया जा चुका है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका 22 सितंबर को अनावरण करने वाले हैं।
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