• मासिक टेस्ट से बच्चों का करेंगे आंकलनEducation
  • पीटीएम में शिक्षक अभिभावकों को बताएंगे बच्चों की कमजोरियां

भोपाल । कोरोनाकाल के बाद शासकीय विद्यालयों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इस वर्ष सरकारी विद्यालयों में पिछले साल की तुलना में आठ हजार प्रवेश अधिक हुए हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में नौकरी छूट जाने से कई लोग बेरोजगार हो गए। जिससे कई लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। वहीं कई स्कूलों ने फीस भी बढ़ा दी थी, हालांकि सरकार के आदेशानुसार नया फीस स्ट्रेक्चर लागू करने पर रोक लगा दी गई थी। इन सभी परेशानियों के चलते इस बार अभिभावकों ने अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला कराने में रूचि दिखाई है।शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल प्रवेश संख्या में हुए इजाफा को देखते हुए, विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूल से बेहतर शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा अहम कदम उठाए जा रहे हैं।

हर सप्ताह होगी पीटीएम
 हर सप्ताह पैरेंट्स टीचर मीटिंग सभी शासकीय स्कूलों में अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रत्येक विषय के शिक्षक अभिभावकों को बच्चों की कमजोरियां बताएंगे। साथ ही स्कूल में बच्चे के व्यवहार पर भी चर्चा करेंगे। साथ ही टीचर्स द्वारा पालकों की काउंसलिंग भी की जाएगी।

शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
शिक्षकों को हर विषय के सिलेबस के कठिन टॉपिक के बारे में विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे वे विद्यार्थी की बातों को ठीक से समझकर उनके प्रश्नों का जवाब आसानी से दे सकें। कौशल विकास को लेकर भी शिक्षकों को लगातार दीक्षा व निष्ठा एप के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं प्राचार्यों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।