मेक्सिको सिटी. मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने सोमवार को एक एतिहासिक फैसले में गर्भपात (Decriminalizes Abortion) को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है. इस फैसले के साथ ही अब देश में गर्भपात को कानूनी मान्‍यता दे दी गई है. कोर्ट के 11 जजों में से 8 ने सोमवार को एकमत से गर्भपात के पक्ष में वोटिंग की. देश में पिछले दिनों कुछ महिलाओं को सिर्फ इसलिए जेल की सजा सुनाई गई थी, क्‍योंकि उन्‍होंने गर्भपात कराया था. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले के बाद अब मेक्सिको की अदालतों के सभी जजों को इसका पालन करना होगा.


मेक्सिको कोहायूलिया में कुछ महिलाओं को गर्भपात कराने पर 3 साल की सजा सुनाई गई थी. कुछ महिलाएं तो रप विक्टिम थीं और अबॉर्शन करा लिया था. इसके बाद भी उन्‍हें सजा भुगतनी पड़ रही थी.कोर्ट के 11 जजों में से 8 ने एकमत से इस बारे में फैसला सुनाया. जजों की राय थी कि इस तरह के कानून पूरी तरह से असंवैधानिक होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अरटुरो जलदिवार ने कहा, ‘यह ये सभी मेक्सिकन महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. ये सभी महिलाओं के अधिकारों के लिए इतिहास का कभी न भूलने वाला पल है.’


मेक्सिको दुनिया का वो देश है जहां पर कैथोलिक्‍स की आबादी सबसे ज्‍यादा है. अब देश के 32 राज्‍यों में रहने वाली लाखों महिलाओं को गर्भपात का अधिकार मिलने की उम्‍मीद जाग गई है. फैसले के बाद इस लैटिन अमेरिकी देश में जश्‍न का माहौल है और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिलाएं इसे अपनी बड़ी जीत करार दे रही है.


मेक्सिको में महिलाओं के लिए आवाज उठाने वाली पाउला एविला गुलियन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोहायूलिया और बाकी राज्‍यों में गहरा असर देखने को मिलेगा.

बता दें कि अर्जेंटीना के 4 राज्‍यों में 12 हफ्तों से ज्‍यादा समय होने पर गर्भपात कराना गैर-कानूनी नहीं है. वहीं, अमेरिका के टेक्सास राज्य में बीते हफ्ते गर्भवती महिलाओं को पहले छह हफ्तों के भीतर गर्भपात कराने का अधिकार दिया गया है. नया कानून 1 सितंबर से लागू हुआ है. अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में इस कानून पर रोक लगाने की अपील की गई थी, लेकिन बहुमत से फैसला देते हुए कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया था.